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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ जगह-जगह क्षत्रिय समाज के संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे. जगह-जगह बैठकें कर चुनाव में उम्मीदवारों के बहिष्कार की मांग की गई थी. इस सबके बीच गुजरात में क्षत्रिय संस्थाओं की संकलन समिति ने पत्र जारी कर राज्य में होने वाली पीएम मोदी की जनसभा का विरोध नहीं करने की अपील की है. संकलन समिति की तरफ से पूरे समुदाय को कहा गया कि विरोध के पार्ट 2 के मुताबिक बीजेपी के खिलाफ वोट करने की नीति पर ही वह अड़िग रहेंगे, लेकिन पीएम मोदी का विरोध नहीं करेंगे.
दरअसल, 1 और 2 मई को पीएम मोदी दो दिवसीय गुजरात दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी गुजरात में छह जगह जनसभाओं को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी 1 मई को डीसा और हिम्मतनगर में जनसभा संबोधित करेंगे. इसके बाद 2 मई को आनंद, सुरेन्द्रनगर, जूनागढ और जामनगर में भी जनसभा संबोधित करेंगे. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
संकलन समिति ने डर व्यक्त किया है कि पीएम की जनसभा में क्षत्रिय समुदाय के आंदोलन की आड़ में कोई हित शत्रु या राजकीय हित साधने के लिए गलत इरादों के साथ माहोल बिगाड़ सकता है. पीएम मोदी का विरोध नहीं करने की वजह के पीछे संकलन समिति ने कहा है कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो नेताओं की रैली और जनसभा आयोजित होगी, ऐसे में हमारे अस्मिता आंदोलन का ध्यान भटकाने के लिए अशांति फैलाने के लिए कुछ लोग कोशिश कर सकते हैं.
संकलन समिति ने पत्र जारी कर कहा है कि पीएम की सुरक्षा में कोई मुसीबत खड़ी हो या समस्या पैदा हो ऐसा कभी क्षत्रिय समुदाय सोच भी नहीं सकता. गुजरात में होने वाली पीएम की जनसभा, रैली, सम्मेलन का विरोध करने से बचने की संकलन समिति की तरफ से पूरे समुदाय से अपील की गई है. संकलन समिति ने कहा है कि बॉयकॉट बीजेपी की नीति के साथ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से हमारा आंदोलन जारी रहेगा. बूथ मैनेजमेंट मजबूत करके हम बीजेपी के खिलाफ लड रहे कैंडिडेट को वोट करेंगे.