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चप्पलों की माला पहनकर क्यों प्रचार कर रहा है ये प्रत्याशी! शहर में चर्चा

लोकतंत्र में किसी को चुनाव लड़ने की मनाही नहीं है. आप चाहें तो अकेले ही बड़े नेताओं के खिलाफ मैदान में उतर जाएं. अभियान में नए तरीके अपनाएं. अलीगढ़ में कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है. 'मानव अधिकार की जंग' लड़ रहे भ्रष्टाचार विरोधी सेना के प्रमुख पंडित केशव देव गले में चप्पल की माला डालकर शहर में अपना प्रचार कर रहे हैं.

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पंडित केशव देव
पंडित केशव देव

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक असामान्य मामले में, स्वतंत्र उम्मीदवार पंडित केशव देव को चुनाव आयोग ने चप्पल का चुनाव चिन्ह आवंटित किया है. पारंपरिक फूलों की माला के बजाय, पंडित केशव देव गले में सात चप्पलों की माला पहनकर शहर में घूम-घूमकर प्रचार कर रहे हैं. यह नजारा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और शहर में भी खूब चर्चा हो रही है.

पंडित केशव देव अपने आपको एक आरटीआई कार्यकर्ता बताते हैं. पहले वह विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं. अब वह लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. शहर में इस बात की चर्चा तेज है कि वह चप्पल की अनोखी माला गले में डालकर जनता से चप्पल छाप पर वोट डालने की अपील कर रहे हैं.

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जब जूतों की माला पहनकर की कैंपेन

ऐसा पहली बार नहीं है जब पंडित केशव देव ने अपने चुनावी अभियान के लिए ये अनोखा तरीका अपनाया है. उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में जूतों की माला पहनकर प्रचार करते हुए भी देखा गया था. गौरतलब है कि पंडित केशव देव भ्रष्टाचार विरोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और "मानव अधिकार की जंग" उनकी पार्टी का पंचलाइन है.

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मिशेल मार्श के खिलाफ शिकायत

केशव देव पिछले साल नवंबर में भी सोशल मीडिया पर सुर्खियां बने थे. उन्होंने अलीगढ़ के दिल्ली गेट पुलिस स्टेशन में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मिशेल मार्श के खिलाफ वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर पैर रखने को लेकर शिकायत दी थी. हालांकि, बाद में अलीगढ़ पुलिस ने स्पष्ट किया था कि मिशेल मार्श के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.

अलीगढ़ लोकसभा सीट का समीकरण

अलीगढ़ लोकसभा सीट पर 14 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होने जा रहा है. 28 मार्च से 4 अप्रैल तक कुल 21 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया था. इस दौरान 5 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हो गए और दो उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया. बीजेपी की तरफ से इस सीट पर सतीश कुमार गौतम चुनाव लड़ रहे हैं. इंडिया गठबंधन में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आई है और पार्टी ने बिजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है.

बहुजन समाज पार्टी ने हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय को मैदान में उतारा है. आपको बता दें कि अलीगढ़ लोकसभा सीट पर 1991 से ही बीजेपी का दबदबा रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख मुस्लिम मतदाता हैं लेकिन किसी भी पार्टी ने मुस्लिम नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया है.

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