लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु के मदुरै सीट पर मुकाबला तो दिलचस्प है ही, यहां उम्मीदवारों का चुनावी अभियान भी रोचक है. खासतौर पर बीजेपी उम्मीदवार रामा श्रीनिवासन मतदान के पहले ही अपने आपको 'MP' के रूप में पेश करने लगे हैं. 'MP' यानी 'Madurai For Professor.' इस सीट पर दो उम्मीदवार एक लेखक हैं जो दोबारा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं तो वहीं एक उम्मीदवार पेशे से डॉक्टर हैं.
मदुरै सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है, जहां इंडिया गठबंधन में यह सीट सीपीआई (एम) के खाते में आई है. पिछले चुनाव में इस सीट पर सीपीआई (एम) के एस वेंकटेशन ने जीत दर्ज की थी और पार्टी ने एक बार फिर उन्हें ही उम्मीदवार बनाया है. वहीं एआईएडीएमके बीजेपी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने इस सीट से डॉक्टर पी सरवनन को टिकट दिया है.
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एस वेंकटेशन को सीएम स्टालिन का समर्थन
सीपीआई (एम) कैंडिडेट एस वेंकटेशन के चुनावी अभियान को डीएमके नेता और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का समर्थन हासिल है, जिन्होंने उनकी उम्मीदवारी की वकालत की है. डीएमके ने इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पी मूर्ति और डॉक्टर पलानिवेल थियागा राजन जैसे स्थानीय मंत्रियों की भी फील्डिंग की है.
डॉक्टर सरवनन के निशाने पर एस वेंनकटेशन
दूसरी ओर एआईएडीएमके उम्मीदवार डॉक्टर सरवनन ने सीपीआई (एम) के सांसद और मौजूदा चुनाव में उम्मीदवार एस वेंनकटेशन को सांसदी फंड के इस्तेमाल को लेकर घेरा है. साथ ही वह अपने पिछले कार्यकाल में किए गए कामों का बाखान करने से पीछे नहीं हट रहे. खासतौर पर वह एक सांसद के तौर पर वेंकटेशन के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं और जनता को लुभाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
रामा श्रीनिवासन पीएम के कामकाज पर निर्भर
अब जबकि तमिलनाडु में बीजेपी इस बार अकेले दम पर चुनावी मैदान में है तो इनके निशाने पर डीएमके के अलावा एआईएडीएमके भी है. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार रामा श्रीनिवासन खासतौर पर प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज पर निर्भर हैं, जिसको लेकर वह अपनी जीत की उम्मीद कर रहे हैं. प्रधानमंत्री तमिलनाडु पर खास फोकस किए हुए हैं और आने वाले समय में वह विरुधुनगर में भी एक रैली करेंगे.
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जातीय समीकरण में एआईएडीएमके आगे
अब अगर बात करें जातीय समीकरण की करें, तो बीजेपी के उम्मीदवार रामा श्रीनिवासन और डीएमके-कांग्रेस के समर्थन में चुनाव लड़ रहे सीपीआई (एम) उम्मीदवार एस वेंकटेशन नायडू समाज से आते हैं, जिनका यहां की छह विधानसभा क्षेत्रों में काफी कम प्रभाव देखा गया है. मसलन, इस सीट पर मुक्कुलाथोर जाति का प्रभाव है और एआईएडीएमके ने इसी समाज से डॉक्टर पी. सरवनन को उम्मीदवार बनाया है. (इनपुट- एआर मेय्यम्मई)