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लोकसभा चुनाव: घोड़े पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचा प्रत्याशी, सुल्तानपुर में दिखा अनोखा नजारा, VIDEO

सुल्तानपुर में एक प्रत्याशी घोड़े पर सवार होकर अपना नामांकन करने पहुंचा, जिसे देख लोग दंग रह गए. इतना ही नहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाला ये प्रत्याशी अपनी जीत के बाद बड़े-बड़े दावे भी कर रहा है. 

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घोड़े पर सवार पर होकर नामांकन करने पहुंचा
घोड़े पर सवार पर होकर नामांकन करने पहुंचा

लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. कोई गाड़ियों का काफिला लेकर नामांकन करने पहुंच रहा है तो कोई भारी भीड़ लेकर अपनी ताकत दिखा रहा है.  लेकिन सुल्तानपुर में एक प्रत्याशी घोड़े पर सवार होकर अपना नामांकन करने पहुंचा, जिसे देख लोग दंग रह गए. इतना ही नहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाला ये प्रत्याशी अपनी जीत के बाद बड़े-बड़े दावे भी कर रहा है. 

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बता दें कि इस प्रत्याशी का नाम बबलू चौधरी है. सिरवारा रोड स्थित मालिन बस्ती के रहने वाले बबलू चौधरी ने सुल्तानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जिसके बाद आज वह घोड़े पर सवार हो नामांकन करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए. बबलू को घोड़े पर नामांकन करने जाते देख लोग दंग रह गए. 

पूरे रास्ते इनके समर्थक बबलू चौधरी बाल्मीकि जिंदाबाद के नारे लगाते रहे. कलेक्ट्रेट पहुंचने पर बबलू घोड़े से उतरे और अंदर दाखिल हुए, फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया. मीडिया से रूबरू होते हुए बबलू चौधरी ने कहा कि आज के समय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और लोग रोजगार के चक्कर में बाहर जा रहे हैं. यदि मैं सांसद चुना गया तो मेरी प्राथमिकता बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की होगी. 

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घोड़े पर सवार होकर नामांकन करने के पीछे की अपनी मंशा के बारे में बताते हुए बबलू ने कहा कि मेरे समाज का हमेशा शोषण होता आया है,  लिहाजा आज खुद घोड़े पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचा हूं. समाज के उत्थान के लिए काम करूंगा. हमेशा जनता के बीच रहूंगा. 

वहीं, बीजेपी से मेनका गांधी, सपा से राम भुआल निषाद और बसपा से उदराज वर्मा के चुनाव लडने पर उन्होंने कहा कि ये लोग तब नहीं आते जब सुल्तानपुर की जनता को इनकी जरूरत होती है. व्यापारियों पर लाठी चली तो बड़े नेता गायब रहे, कमजोरों पर जुल्म हुआ तो भी ये गायब थे. इसलिए मुझे चुना जाए.  

वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे बबलू चौधरी घोड़े पर सवार होकर कलेक्ट्रेट तक पहुंचे. सजे-धजे घोड़े के ऊपर बबलू संविधान की किताब लेकर बैठे हुए थे. उनके साथ दर्जनों समर्थक चल रहे थे. वो नारेबाजी भी कर रहे थे.  

(सुल्तानपुर से नितिन श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
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