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इंदिरा गांधी के हत्यारे का बेटा और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल जीता, पंजाब के रुझानों ने चौंकाया

पंजाब की दो लोकसभा सीटों के नतीजे सबको चौंका रहे हैं. फरीदकोट (Faridkot) से इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह जीत गया है, वहीं खडूर साहिब (Khadoor Sahib) लोकसभा से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल भी जीत गया है.

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सरबजीत सिंह और अमृतपाल की सीट के चुनावी नतीजे जानिए
सरबजीत सिंह और अमृतपाल की सीट के चुनावी नतीजे जानिए

लोकसभा चुनाव नतीजों से बीच पंजाब से आ रही खबरें हैरान करने वाली हैं. यहां की 2 सीटों के रुझान सबको हैरत में डाल रहे हैं. इसमें फरीदकोट (Faridkot) और खडूर साहिब (Khadoor Sahib) लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. दोनों सीटों से चुनाव जीत चुके उम्मीदवार खालिस्तान का खुलकर समर्थन करते हैं.

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बता दें कि फरीदकोट से सरबजीत सिंह (Sarabjeet Singh Khalsa) चुनाव जीत गए हैं. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे गार्ड बेअंत सिंह के बेटे हैं. वहीं दूसरी तरफ खडूर साहिब लोकसभा सीट से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) भी चुनाव जीत गया है. दोनों निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं.

पंजाब में कुल 13 लोकसभा सीट हैं. इसमें से पंजाब में 7 सीटें कांग्रेस के, 3 सीटें आम आदमी पार्टी के, 1 सीट शिरोमणि अकाली दल के और 2 सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं.

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Faridkot चुनावी नतीजे

फरीदकोट सीट की बात करें तो यहां सरबजीत सिंह को 298062  वोट मिले हैं, वह 70053 वोटों से चुनाव जीत चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के करमजीत सिंह अनमोल को 228009 वोट मिले हैं.

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फरीदकोट सीट की बात करें तो यहां सरबजीत का मुकाबला तीन सिंगर्स से था. बीजेपी ने दिल्ली के सांसद हंसराज सिंह को यहां से उतारा था. वहीं कांग्रेस ने मोहम्मद सादिक और AAP ने करमजीत अनमोल को उतारा है. ये तीनों ही पंजाबी सिंगर हैं.बीजेपी के हंसराज हंस को 123533 वोट मिले हैं, वह 174529  वोटों से चुनाव हार गए हैं.

सरबजीत इससे पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं. 2004 लोकसभा चुनाव में वह बठिंडा से लड़े थे लेकिन 1.13 लाख वोटों से हार गए थे. इसके बाद 2007 में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा. तब वह भदौर सीट से उम्मीदवार थे और उनको सिर्फ 15,702 वोट मिले थे.

इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वह पंजाब की फतहगढ़ साहिब सीट से चुनाव लड़े. लेकिन यहां भी उनको हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में वह बहुजन समाज पार्टी (BSP) से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन फिर हार गए.

सरबजीत की मां भी लड़ी थी चुनाव

सरबजीत की मां बिमल कौर भी 1989 में (इंदिरा गांधी की हत्या के बाद) लोकसभा चुनाव लड़ी थीं. इतना ही नहीं उनको इस चुनाव में जीत भी मिली और वह रोपड़ सीट से सांसद बनी थीं. इसी साल उनके दादा बठिंडा सीट से सांसद बने थे.

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बता दें कि इससे पांच साल पहले 1984 में बेअंत सिंह (सरबजीत के पिता) और सतवंत सिंह ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी. दोनों उनके बॉडीगार्ड थे. बेअंत सिंह को मौके पर ही दूसरे सिक्योरिटी गार्ड्स ने गोलियों से भून डाला था. वहीं सतवंत सिंह को बाद में फांसी की सजा हुई थी.

Khadoor Sahib के चुनावी नतीजे

खडूर साहिब सीट की बात करें तो यहां अमृतपाल सिंह 197120 वोटों से जीत गया है, उसे कुल 404430 वोट मिले हैं. वहीं कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 207310 वोट मिले हैं.

बता दें कि Amripal Singh फिलहाल असम की जेल में बंद है. जेल में बंद रहते हुए उसने ये चुनाव लड़ा है. Waris Punja De संगठन के मुखिया अमृतपाल को पिछले साल नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत अरेस्ट किया गया था. साल 2019 के नतीजों की बात करें तो यहां कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल की जीत हुई थी. लेकिन इसबार कांग्रेस ने KULBIR SINGH ZIRA को उम्मीदवार बनाया था.

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