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क्षत्रिय समाज की नाराजगी के बाद भी गुजरात में BJP बम बम, क्या कहता है Exit Poll

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के नाते गुजरात में फिर एक बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सभी 26 सीटें मिलती दिख रही है. भाजपा और कांग्रेस के बीच में मतों मे 30% जितना भारी अंतर में दिख रहा है. यह साफ दर्शाता है कि गुजरात में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस कहीं पर भी टक्कर में नहीं है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

गुजरात में क्षत्रिय समाज की बीजेपी के प्रति नाराजगी के बावजूद भी पार्टी वहां मजबूत नजर आ रही है. India Today My Axis Exit Poll के अनुसार  लगातार तीसरी बार एक गुजराती को प्रधानमंत्री बनने के लिए गुजरातियों ने जमकर भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है. यही कारण है कि एक बार फिर से यहां बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में है.

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क्षत्रिय समाज की नाराजगी का नहीं दिख रहा असर
गुजरात में लोकसभा चुनाव जब घोषित हुए तब सभी लोग यही मान रहे थे कि लगातार तीसरी बार भाजपा यहां पर सभी 26 सीटें जीतेगी और इसीलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने सभी सीटों पर 5 लाख की लीड का लक्ष्य कार्यकर्ताओ को दिया था. पर केंद्रीय मंत्री परसोत्तम रूपाला के एक बयान के बाद चुनाव से ठीक 1 महीना पहले क्षत्रिय समाज ने रूपाला को हटाने को लेकर बीजेपी के सामने बगावत कर दी. 

क्षत्रिय समाज ने किया था 7 सीट पर बीजेपी की हार का दावा
क्षत्रिय समाज ने 7 मई को मतदान खत्म होने के बाद दावा किया था कि क्षत्रिय समाज की नाराजगी की वजह से भाजपा 7 सीटें हारने जा रही है पर इंडिया टुडे एक्सिस के एग्जिट पोल में ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिख रहा है. एग्जिट पोल के अनुसार फिर एक बार बीजेपी को सभी 26 सीटें मिलती दिख रही है और भाजपा का मत प्रतिशत भी बढ़ा है. अगर यही आंकड़े से साबित होते हैं तो इसका मतलब यह भी है कि पुरुषोत्तम रुपाला भी राजकोट सीट से चुनाव जीत रहे हैं.

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गुजरात में बीजेपी

कांग्रेस - आप गठबंधन का नहीं दिखा असर
लोकसभा चुनाव घोषित होने से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर दबाव बढ़कर गुजरात की भरूच और भावनगर सीट लड़ने का ऐलान किया था. इंडिया गठबंधन के नीचे दोनों सीटों पर भाजपा के सामने आम आदमी पार्टी लड़ी पर उन्हें सिर्फ तीन प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन गुजरात में असफ़ल रहा. कांग्रेस के अपने मत आम आदमी पार्टी में डाइवर्ट नहीं हुई जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी भरूच जैसी सीट भी नहीं जीत पा रही. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय अहमद पटेल की भरूच सीट पर आम आदमी पार्टी लड़ी तो सही पर जीत नहीं रही.

कौन सी सीट पर जमीनी लड़ाई दिखी
क्षत्रिय आंदोलन की वजह से मतदान के वक्त गुजरात की 7 से 8 सीटों पर टक्कर देखने को मिली. बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन, आणंद, जामनगर, सुरेंद्रनगर और भरूच सीटों पर अच्छे प्रत्याशियों की वजह से चुनावी माहौल देखने को मिला वरना गुजरात की ज्यादातर सीटों पर एक तरफा माहौल रहा. हालांकि कांग्रेस का अभी मानना है कि गुजरात में वह इस बार अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है.

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