Exit Poll 2024: बिहार का पूर्णिया लोकसभा सीट इस बार शुरू से सुर्खियों में रहा है. इसका कारण पप्पू यादव हैं. एग्जिट पोल में भी पप्पू के पक्ष में हवा बहने की बात कही गई. अनुमान है कि वे इस बार बाजी मार सकते हैं. पप्पू यादव शुरू से ही चर्चा में रहे हैं. चाहे वह अपनी पार्टी को खत्म कर कांग्रेस में चले जाने का फैसला हो या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का.
एग्जिट पोल में कहा जा रहा है कि जिस पार्टी से टिकट लेने के लिए पप्पू यादव ने इतना बवाल खड़ा किया. उस आरजेडी की प्रत्याशी से उनका टक्कर भी नहीं है. पूर्णिया में पप्पू यादव का मुकाबला जेडीयू के संतोष कुशवाहा से बताया जा रहा है. इसमें भी पूर्णिया में पप्पू यादव के फेवर में महौल बताया जा रहा है.
शुरू से सुर्खियों में रहे पप्पू यादव
पप्पू यादव से जुड़ा हर एक घटनाक्रम इस चुनाव में काफी नाटकीय और सस्पेंस से भरा रहा. कई मौकों पर ऐसा लगा कि इंडिया ब्लॉक से पप्पू ही पूर्णिया के प्रत्याशी होंगे. अंत-अंत तक सस्पेंस बरकार रहा. आखिर में जब आरजेडी ने बीमा भारती के नाम पर मुहर लगाई, तो पप्पू यादव की गुस्सा भी सामने आया और उन्होंने आरजेडी, लालू यादव और तेजस्वी यादव पर आरोपों की झड़ी लगा दी. यहां तक की उन्होंने उनकी पार्टी को खत्म कर देने और राजनीतिक करियर खत्म कर देने तक का आरोप लगाया.
लालू परिवार पर पार्टी खत्म करने का लगाया आरोप
नामांकन के बाद कार्यकर्ताओं और आम लोगों को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने लालू परिवार पर भी जमकर हमला बोला था. पप्पू यादव ने कहा था कि,14 दिन तक उन्हें अपमानित किया गया. उनकी पार्टी खत्म की गई, इतनी नफरत क्यों? क्या किया था मैंने ? मैंने कहा था लालू को हम आपके बेटे को सीएम बनाएंगे, साथ में लड़ेंगे.' ये कहते हुए पप्पू यादव भावुक हो गए और उनके आंखों से आंसू बहने लगे.
पांच बार सांसद रह चुके हैं पप्पू
पप्पू यादव बिहार के कद्दावर राजनीतिक शख्सियतों में एक हैं. अपने अब तक के सियासी सफर में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पांच बार सांसद रहे हैं. पहली बाह वह 1991 में सांसद बनें. उसके बाद 1996, 1999 और 2014 में जीतकर संसद पहुंचे. 2015 में वह बेस्ट परफर्मिंग एमपी भी बनें.