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राहुल-अखिलेश और शरद-उद्धव... 2024 चुनाव में हिट रहीं ये जोड़ी, जानें कैसे बीजेपी को बहुमत से किया दूर

सबसे अधिक संसद प्रतिनिधित्व देने वाले उत्तर प्रदेश में राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने पीएम मोदी के विजय अभियान पर ब्रेक लगा दिया है तो वहीं पश्चिम बंगाल में यही काम ममता-अभिषेक की जोड़ी ने किया है. महाराष्ट्र में भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे बीजेपी की राह रोकने के लिए मजबूती से खड़े दिखे.

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राहुल गांधी-अखिलेश यादव, शरद पवार-उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को बहुमत से किया दूर
राहुल गांधी-अखिलेश यादव, शरद पवार-उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को बहुमत से किया दूर

लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने हैं. अभी जो स्थिति है, उस पर नजर डालें तो NDA ने बहुमत का आंकड़ा तो पार कर लिया है, लेकिन BJP अकेले के दम पर सरकार बना ले, ऐसा नजर नहीं आता है. ताजा रुझानों के मुताबिक, NDA 291 सीटों के साथ लीड कर रही है तो वहीं इंडिया गठबंधन को अब तक 234 सीटें हासिल हुई हैं. एक तरफ बीजेपी जहां 400 पार का दावा कर रही थी, और अपनी 10 साल की लहर को देखते हुए बड़ी जीत के लिए आश्वस्त थी, इसके उलट इंडिया गठबंधन के नेता बड़े प्रदेशों में बड़ा प्रभाव डालते दिख रहे हैं.  

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यूपी-महाराष्ट्र और बंगाल... तीनों प्रदेशों में रुका एनडीए का रथ
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ये तीन ऐसे राज्य हैं, जहां से इंडिया गठबंधन एनडीए को बड़ी शिकस्त दे रहा है. ये तीन राज्य ऐसे भी थे जहां से अगर पीएम मोदी का विजय रथ बिना किसी रुकावट के निकल जाता तो फिर बाकी रोड़े छोटे रह जाते. सबसे अधिक संसद प्रतिनिधित्व देने वाले उत्तर प्रदेश में राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने पीएम मोदी के विजय अभियान पर ब्रेक लगा दिया है तो वहीं पश्चिम बंगाल में यही काम ममता-अभिषेक की जोड़ी ने किया है. महाराष्ट्र में चुनाव से ठीक पहले शरद और उद्धव ठाकरे पार्टी में बड़ी टूट का सामना कर रहे थे, लेकिन इन दोनों की जोड़ी पीएम मोदी के विजय रथ के सामने ऐसी डटकर खड़ी हुई है, कि बीजेपी को बहुमत के लाले पड़ गए हैं. 

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रुझान देख, एक्टिव मोड में विपक्ष
बता दें कि, लोकसभा चुनाव के रुझान आने के बाद विपक्ष एक्टिव मोड में आ गया है. शरद पवार ने कहा, मैंने खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष) और सीताराम येचुरी से बात की. यूपी के रुझानों से पता चलता है कि चीजें बदल गई हैं. शाम को इंडिया गठबंधन की बैठक होगी. जल्द एमवीए की बैठक के लिए दिल्ली जाएंगे. पवार का कहना था कि बीजेपी ने चुनावों में हमारे खिलाफ कई एजेंडे चलाए और हमने उनसे सबक सीखा है.

कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
उधर, मंगलवार शाम को कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये जनादेश पीएम मोदी के खिलाफ है. वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक और कांग्रेस ने ये चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ा, बल्कि ये चुनाव हमने बीजेपी, सभी संस्थाओं, सीबीआई, ईडी के खिलाफ लड़ा. क्योंकि इन संस्थाओं को मोदी सरकार ने कैप्चर कर लिया था. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई संविधान को बचाने की थी. कांग्रेस ने कहा कि, इस चुनाव में हमने इंडिया ब्लॉक के पार्टनर की रेस्पेक्ट की. उन्हें साथ लिया. जहां भी गठबंधन लड़ा हम साथ होकर लड़े. कांग्रेस ने देश को नया विजन दे दिया है.

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उत्तर प्रदेश में राहुल-अखिलेश की जोड़ी ने किया जादू
दरअसल, शरद पवार जिस आत्मविश्वास से ये बातें कह रहे हैं, उसके पीछे कारण हैं. इस आत्मविश्वास की चाबी दोपहर 3 बजे तक के आए रुझानों में हैं. उत्तर प्रदेश की ही बात करें तो यहां बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गजों की साख दांव पर लग गई. जिनका चुनाव जीतना बेहद आसान माना जा रहा था, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वियों को लगातार चेज करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

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यूपी में बीजेपी को सिर्फ 33 सीटों पर जीत के आसार
उदाहरण के लिए अमेठी पर नजर डालें तो यहां से बीजेपी की प्रत्याशी और प्रबल जीत की दावेदार रहीं, स्मृति ईरानी को हार मिली है और किशोरी लाल शर्मा (कांग्रेस प्रत्याशी) को जीत हासिल हुई है. रायबरेली में भी कांग्रेस अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही है. अब तक सोनिया गांधी की सुरक्षित सीट रही रायबरेली, अब राहुल गांधी के खाते में आ गई है. कुल मिलाकर बीजेपी उत्तर प्रदेश में 33 सीटों पर ही सिमटती दिख रही है, जबकि यहां सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं. 

पश्चिम बंगाल में ममता-अभिषेक की जोड़ी ने रोका विजय रथ
अब चलें पश्चिम बंगाल की ओर, जो कि टीएमसी और सीएम ममता का गढ़ है. चुनाव से ठीक पहले यहां संदेशखाली का मामला काफी सुर्खियों में रहा था. लोकसभा चुनाव 2019 के अनुसार पश्चिम बंगाल में बीजेपी को 18 सीटें मिली थीं. इस बार बीजेपी यहां महज 12 सीटों पर सिमटती दिख रही है. पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में बीजेपी को इस बार 6 सीटों का नुकसान हुआ है. सुबह 8 बजे शुरू हुई काउंटिंग के बाद से लगातार टीएमसी बढ़त बनाए रही. टीएमसी यहां 29 सीटों पर जीत रही है, वहीं  बीजेपी सिर्फ 12 सीटों पर जीत रही है और कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ एक सीट की जीत हो रही है. 

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तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और मौजूदा सांसद अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रत्याशी अभिजीत दास को हराया. 

हुगली सीट से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार रचना बनर्जी ने भी जीत दर्ज की है. उन्हें 702744 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा की प्रत्याशी और मौजूदा सांसद लॉकेट चटर्जी को हार मिली है और बीजेपी ने ये सीट गंवा दी है. अभिषेक और ममता की जोड़ी पश्चिम बंगाल में बीजेपी के रथ को रोकने में कामयाब रही है. 

शरद-उद्धव के साथ ने महाराष्ट्र में एनडीए की राह बना दी मुश्किल
उधर, महाराष्ट्र पर नजर डालें तो यह यूपी के बाद दूसरा बड़ा राज्य बनकर उभरा है, जहां बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है. उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक 48 लोकसभा सीटें हैं और इस वजह से यह लोकसभा चुनावों का सबसे अहम हिस्सा भी है. घोषित परिणामों पर नजर डालें तो यहां एनडीए को भारी नुकसान हुआ है. शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरदचंद्र पवार और कांग्रेस पार्टी तीनों एक साथ चुनावी मैदान में हैं. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी और भारतीय जनता पार्टी, एनडीए गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में है.

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर 2019 में भाजपा ने 23, शिवसेना ने 18 सीटें और एनसीपी ने चार सीटें जीती थीं. महाराष्ट्र में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती किसान आंदोलन और मराठा आरक्षण बना रहा. विपक्ष ने लगातार इसे मुद्दा बनाया था. 

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महाराष्ट्र में किसे कितनी सीटें
अब आंकड़ों को देखें तो बीजेपी इस बार महाराष्ट्र में सिर्फ 10 सीटों पर जीत रही है, जो कि साल 2019 से सीधे तौर पर 13 कम है. अजित पवार की एनसीपी के हिस्से में सिर्फ एक सीट दिख रही है. चाचा शरद से बगावत कर वह पार्टी का नाम और निशान लेकर एनडीए में शामिल हुए थे, लेकिन जनता ने शरद पवार को ही असली एनसीपी चीफ माना है, ऐसा दिखाई दे रहा है. शरद पवार के हिस्से में 7 सीटों पर जीत आती हुई दिख रही है. शिवसेना शिंदे गुट को भी सात सीटों पर जीत मिलती दिख रही है, लेकिन उद्धव गुट 9 सीटों पर जीत रहा है. अब कांग्रेस के नंबर देखें तो उसे भी बीजेपी से ज्यादा 13 सीटों पर जीत मिल रही है.

मुंबई के किंग और किंगमेकर बने उद्धव ठाकरे
यहां खासतौर पर उद्धव ठाकरे का जिक्र करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि मुंबई के किंग और किंग मेकर वही साबित हुए हैं. अगर वह एनडीए से अलग न हुए होते तो आज की स्थिति में महाराष्ट्र में एनडीए की 26 सीटें होतीं. बीजेपी को सिर्फ मुंबई नॉर्थ में जीत मिली है. यहां से पीयूष गोयल संसद पहुंच रहे हैं. जबकि मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई साउथ और मुंबई साउथ सेंट्रल इन तीनों सीट पर शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की पार्टी को जीत हासिल हुई है. वहीं नॉर्थ सेंट्रल पर कांग्रेस और मुंबई नॉर्थ वेस्ट पर शिवसेना को जीत हासिल हुई है. 

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