लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस ने मंगलवार को मणिपुर में दोनों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. अल्फ्रेड कन्नगाम एस आर्थर ने एनपीएफ के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी काचुई टिमोथी जिमिक को हराकर बाहरी मणिपुर सीट पर 85,418 मतों से जीत हासिल की. आर्थर को 3,84,954 मत मिले, जबकि जिमिक को 2,99,536 मत मिले.
आंतरिक मणिपुर सीट पर, अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी थोनाओजाम बसंतकुमार को 1,09,801 मतों से हराया. अकोईजाम को 3,74,017 मत मिले और सिंह को 2,64,216 मत मिले.
बता दें कि पिछले साल मई से मणिपुर में तनाव है, क्योंकि घाटी के प्रमुख मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में कुकी आदिवासियों द्वारा मार्च निकाले जाने के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी. तब से जारी हिंसा में सुरक्षाकर्मियों समेत दोनों समुदायों के 220 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 2017 से राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है.
परिणाम घोषित होने के बाद, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को राज्य में जो कुछ भी हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और नैतिक आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. उन्होंने राज्य कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, "हम उन लोगों के समर्थन की वजह से विजयी हुए हैं जो पीड़ित रहे हैं. हम अपने दो उम्मीदवारों पर भरोसा दिखाने के लिए लोगों के आभारी हैं जिन्होंने भारी अंतर से जीत हासिल की है. "
मेघचंद्र ने कहा कि मणिपुर में मौजूदा स्थिति का मूल कारण भ्रष्टाचार है. उन्होंने कहा, "लोगों ने इस चुनाव के ज़रिए एक कड़ा संदेश दिया है. हम निश्चित रूप से सुनिश्चित करेंगे कि लोगों ने हम पर जो भरोसा जताया है, उसे काम में बदला जाए और हम वही करेंगे जो हमने अपने घोषणापत्र में कहा है."
उन्होंने कहा, "सरकार को मौजूदा संघर्ष की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. मुख्यमंत्री को नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा देना चाहिए." अपनी जीत के बाद, अकोइजाम ने कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि संघर्ष में विस्थापित हुए लोग अपने घरों में वापस लौटें और सामान्य तथा सम्मानजनक जीवन जी सकें.
न्य को मिलनी के उम्मीद जताई गई थी और रुझान भी इसी ओर इशारा करते नजर आ रहे हैं. हालांकि सूबे में बीजेपी की सरकार है.
मणिपुर में बंपर वोटिंग
बाहरी मणिपुर सीट के 6 पोलिंग बूथ पर हिंसा के बाद फिर से मतदान हुआ था और सीट पर कुल 80 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे. इसी तरह दोनों सीटों को मिलाकर मणिपुर में 70 फीसदी से ज्यादा वोटर टर्नआउट रिकॉर्ड किया गया था.
बीते एक साल से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है और वहां वोटिंग के दौरान भी हिंसक झड़प देखने को मिली थी. चुनाव आयोग ने राज्य में वोटिंग के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए थे. मणिपुर में भड़की हिंसा में करीब 200 लोग जान गंवा चुके हैं और इसे रोकने में असफल रहने की वजह से लोगों के बीच राज्य की बीजेपी सरकार के प्रति गहरा रोष था जो कि चुनावी नतीजों में भी दिख रहा है. विपक्षी में मणिपुर हिंसा को पूरे चुनाव में मुद्दा बनाता रहा है यहां तक कि राहुल गांधी ने अपनी न्याय यात्रा की शुरुआत भी मणिपुर से ही की थी.