बिहार में लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर जो रुझान सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू राज्य में सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए नजर आ रही है जबकि आरजेडी चंद सीटों पर ही बढ़त बना पाई है.
ऐसे में इस बार लालू यादव की दोनों बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य कि किस्मत भी दाव पर हैं. मीसा भारती जहां पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ रही हैं वहीं रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव मैदान में है. यहां हम रुझाने के मुताबिक लालू यादव की दोनों बेटियों का हाल बता रहे हैं.
पाटलिपुत्र में भतीजी चाचा पर भारी
पहले बात करते हैं पाटलिपुत्र सीट की जहां से मीसा भारत तीसरी बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला बीजेपी के रामकृपाल यादव से हो रहा है जिसे वो चाचा भी मानती हैं. मीसा भारती इस बार अपने चाचा रामकृपाल को न सिर्फ कड़ी टक्कर दे रही हैं बल्कि उनके ऊपर बड़ी बढ़त भी बना ली है. चाचा को 60 हजार वोटों से पछाड़ते हुए मीसा भारती काफी आगे निकल गई हैं.
हालांकि अभी कई राउंड के वोटों की गिनती बाकी है. बता दें कि रामकृपाल याद कभी लालू यादव के सिपहसलार हुआ करते थे जिस वजह से मीसा भारती उन्हें चाचा कहकर पुकारती थी.
पाटलिपुत्र सीट पर लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एक जून को वोटिंग हुई थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 56.1 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनावों में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को लगभग 40 हजार वोटों से जबकि 2019 के चुनाव में लगभग 39 हजार वोटों से हराया था.
पिछड़ गईं रोहिणी आचार्य
वहीं अब अगर लालू यादव को किडनी देकर उनकी जान बचाने वाली बेटी रोहिणी आचार्य के प्रदर्शन की बात करें तो वो सारण में बीजेपी के कद्दावर नेता राजीव प्रताप रुडी को कोई खास टक्कर नहीं दे पा रही हैं. राजीव प्रताप रुडी ने रोहिणी आचार्य के खिलाफ 15000 वोटों की बढ़त बना ली है. हालांकि अभी सारण में वोटों की गिनती जारी है और कई राउंड के मतों की गणना अभी होनी है.
सारण में लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग हुई थी. इस सीट पर 54.50 फीसदी मतदान हुआ था जो कि साल 2019 के मुकाबले 2 फीसदी कम था. इस सीट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 56.48 फीसदी मतदान हुआ था.