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महाराष्ट्र: बारामती के कई इलाकों में सूखे से परेशान ग्रामीण, पीने के पानी के लिए मोहताज हुए लोग

महाराष्ट्र की लोकसभा सीट पर सुप्रिया सुले और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार मैदान में हैं. इस सीट पर विकास मॉडल के नाम पर वोट मांगा जा रहा है, लेकिन इस इलाके के कई गांव में भीषण सूखे के कारण लोग पीने के पानी के लिए भी मोहताज हैं. इलाके में 80 से ज्यादा गांव टैंकर के पानी पर निर्भर हैं.

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बारामती के एक इलाके में टैंकर से पानी भरे ग्रामीण.
बारामती के एक इलाके में टैंकर से पानी भरे ग्रामीण.

देशभर में लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए तरह-तरह के वादे कर रही हैं, लेकिन चुनाव के बाद ज्यादातर वादे खोखले साबित होते हैं. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के बारामती सामने आया है, जहां लोग पीने के पानी के लिए भी मोहताज हैं. बारामती लोकसभा क्षेत्र के पुरंदर तालुका के 110 गांव में ज्यादातर गांव पीने के पीने  के लिए टैंकर पर निर्भर हैं. हफ्ते में एक बार पानी का टैंकर आता है, जिसमें कई बार पानी साफ न होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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शरद पवार और अजित पवार दोनों बारामती सीट पर अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं. इसके इतर बारामती के विकास मॉडल को लोगों के सामने रखा जा रहा है और लोगों से अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की जा रही है, लेकिन इस इलाके में पड़े सूखे पर किसी का भी ध्यान नहीं है. इन्हीं मुद्दों को लेकर हमारे संवाददाता ओमकार वाबले में लोगों से जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की है.

पानी की समस्या के बारे में बताया कि गांव में कुछ जगहों पर फिल्टर हैं. इन फिल्टर पर पानी के लिए पैसे देने पड़ते हैं. गांव में कई लोग बाइक या साइकिल से पानी लाते हैं, लेकिन जिन लोगों के पास अपना वाहन नहीं है. उनके लिए तो बोरवेल ही सहारा है.

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खेती के लिए भी नहीं मिलता पानी

अभी लाइट आ रही है. पानी बीच-बीच में आता है, फिर बंद हो जाता है. चुनाव के वक्त लोग यहां आते हैं. बाकी वक्त वो यहां से भाग जाते हैं. हमारे कुएं में पानी नहीं है. सोसाइटी का कर्ज अलग से है. अभी तक कर्जा माफ नहीं हुआ है. कर्जा छोड़ो हमारे पास खेती करने को भी पैसा नहीं है. प्याज को दस रुपये भाव मिला था. जिसके बोरवेल से पानी लिया उसे पैसा दिया. मजदूरों को पैसा देने के बाद सिर्फ 11 हजार रुपये बचे थे.

40 साल से पानी की समस्या

किसान महिला का कहना है कि हमारे पास खुद का बोरवेल नहीं है, हमारा कुआं सुख गया है. इस लिए बगल के लोगों के यहां से पानी ले आ रहे है. रोज सुबह हम दोनों पानी लाने में जुट जाते हैं. इस इलाके में पिछले 40 साल से पानी की समस्या है. खेती के लिए पुणे की नदी से पानी आता है, लेकिन वो गटर का पानी है.

भूजल का स्तर हुआ कम

आपको बता दें कि  बारामती लोकसभा क्षेत्र की 2 तहसील सूखे की समस्या का सामना कर रही हैं. अप्रैल में आसपास के बांध सूखने के कारण खेती के लिए पानी नहीं मिलता. इसके साथ ही बांध के आसपास के क्षेत्र में भूजल कम हो गया है.

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ननद-भाभी में होगा मुकाबला 

एनसीपी में टूट के बाद बारामती की इस सीट पर एनसीपी वर्सेस एनसीपी मुकाबला देखने को मिल रहा है. अजित पवार से महायुति में शामिल होने के बाद एनसीपी में दो फाड़ हो गए हैं और दोनों की पक्ष अजित पवार और शरद पवार ने इस सीट पर अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. शरद पवार से बारामती से वर्तमान सांसद सुप्रिया सुले को टिकट दिया है तो अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारा है. बारामती में तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होनी है.

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