पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधा है. उन्होंने बहरामपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार यूसुफ पठान के समर्थन में जनसभा संबोधित करते हुए कहा कि नई सुबह होने वाली है और एक नया युग शुरू होने वाला है.
बनर्जी ने कहा कि मैंने यूसुफ पठान को बहुत उम्मीदों से यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि आप उन्हें जिताएं. क्या आप एक बार फिर बीजेपी के सहयोगियों को जिताना चाहते हैं? अब बदलाव का समय आ गया है.
ममता बनर्जी ने अधीर रंजन चौधरी को बीजेपी का एजेंट बताते हुए कहा कि अधीर इंडिया ब्लॉक का गद्दार है. टीएमसी को बहरामपुर में कभी जीत नहीं मिली. कांग्रेस लगातार झूठ वादे करके बीजेपी और सीपीएम की मदद से यहां से जीतती आई है. दो दिन पहले जेपी नड्डा बहरामपुर आए थे. लेकिन उन्होंने अधीर का नाम नहीं लिया था. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस का उम्मीदवार (अधीर) बीजेपी का सबसे बड़ा समर्थक है. मैं यहां उनका नाम लेने से बचूंगी, जिस तरह से मैं गद्दारों का नाम लेने से बचती हूं. वह इंडिया ब्लॉक के गद्दार हैं. आप अपना कीमती वोट तृणमूल कांग्रेस को दीजिए और हमारे उम्मदीवार यूसुफ पठान की जीत सुनिश्चित करें.
बता दें कि बंगाल की बहरामपुर सीट से कांग्रेस के मौजूदा सांसद अधीर रंजन चौधरी चुनावी मैदान में हैं. तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा है. 1999 में अधीर रंजन चौधरी पहली बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे और तब से अब तक, वह लगातार पांच बार सांसद निर्वाचित हो चुके हैं. बहरामपुर ऐसी सीट है जहां अपनी स्थापना के बाद से अब तक टीएमसी कभी नहीं जीत सकी है.
अधीर को हराना ममता के लिए क्यों जरूरी
बहरामपुर सीट पर टीएमसी का फोकस 2019 चुनाव के पहले से ही है. लेकिन बदली परिस्थितियों में ममता बनर्जी के लिए अधीर रंजन चौधरी को हराना उच्च प्राथमिकता बन गया है. दरअसल, अधीर रंजन बंगाल की सीएम के खिलाफ सबसे मुखर चेहरा हैं. ममता के खिलाफ वह तब भी लगातार हमले बोलते रहे जब टीएमसी की नेता इंडिया ब्लॉक की बैठकों में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ मंच साझा कर रही थीं. टीएमसी नेताओं ने पार्टी के कांग्रेस से किनारा करने के पीछे भी अधीर की बयानबाजियों को वजह बताया था.
अधीर रंजन चौधरी क्या बोले?
अधीर रंजन चौधरी ने आज मुर्शिदाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने कहा था कि BJP और TMC के बीच जो समझौता हुआ है, वो नापाक रिश्ता बन गया है. ऐसे में BJP और TMC को वोट देना एक समान है. दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू है.