लोकसभा चुनाव के बीच झारखंड की सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम विवादों में है और पार्टी उनसे दूरी बनाते देखी जा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जब चाइबासा और लोहरदगा के बसिया में चुनावी जनसभाएं हुईं तो वहां मंच पर पार्टी के तमाम नेता दिखे, लेकिन ग्रामीण विकास मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम पूरे शो से नदारद रहे. इसे लेकर लगातार चर्चा हो रही है. सभा में मौजूद कांग्रेस नेताओं ने बताया कि आलमगीर आलम एयरपोर्ट पर भी ना तो राहुल गांधी के स्वागत में दिखे और ना उनको सीऑफ करने पहुंचे.
दरअसल, मंत्री आलमगीर आलम चर्चे में हैं. आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को एक दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. सोमवार को ईडी ने संजीव लाल और जहांगीर आलम के घर पर छापा मारा तो वहां नोटों का भंडार मिला था. बैंक कर्मचारियों को नोट गिनने वाली मशीनों के साथ बुलाया गया. इस मामले में कुल 6 जगहों पर छापेमारी हुई. कुल 35.23 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया गया है. दोनों आरोपी 6 दिन की कस्टडी में हैं और मामले में पूछताछ चल रही है. सूत्रों ने बताया कि दोनों को रातभर पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अरेस्ट किया गया है.
आलमगीर के दूरी बनाने के पीछे क्या है रणनीति?
अब यह चर्चा है कि चुनाव के वक्त कहीं जानबूझकर तो नहीं आलमगीर आलम को इलेक्शन कैंपेन से दूर रखकर एक रणनीति के तहत कदम उठाया जा रहा हो. कहा यह भी जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को कांग्रेस तंज कसने और मुद्दा बनाने का कोई अवसर नहीं देना चाहती है. लिहाजा, आलमगीर आलम को पूरे शो से दूर रखा गया है.
बीजेपी ने पूछा- कहां छिपे हैं आलमगीर आलम
वहीं, झारखंड में नेता विपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राहुल गांधी से कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता आलमगीर आलम से नहीं मिलने पर सवाल उठाए हैं. बाउरी ने कहा, क्या राहुल गांधी और कांग्रेस यह बताएगी कि उनकी पार्टी के सीएलपी और प्रमुख नेता उनके आसपास कहीं भी मौजूद क्यों नहीं थे? हम जानना चाहते हैं कि वह कहां छिपे हुए हैं.
मंगलवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. राहुल ने इस चुनावी जनसभा में इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और झामुमो नेता जोबा माझी के लिए समर्थन जुटाया और वोट की अपील की. राहुल के साथ मंच पर सीएम चंपई सोरेन, पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, सिंहभूम से उम्मीदवार जोबा माझी समेत अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे. राहुल की इस चुनावी जनसभा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया. मंच के सामने बड़ी संख्या में झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेता औेर कार्यकर्ता झंडा बैनर के साथ मौजूद थे.
नौकरी में ठेकेदारी प्रथा हमेशा के लिए समाप्त करेंगे
राहुल गांधी ने चुनावी सभा में सीधे बीजेपी और मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने मुस्लिम आरक्षण, संविधान में बदलाव, आदिवासियों पर अत्याचार, आदिवासियों के अधिकार, आरक्षण समाप्त करने समेत कई अन्य मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की. गरीब परिवारों की महिला सदस्य को साल में एक लाख रुपए दिये जाने के अपने वादे को दोहराया. उन्होंने कहा, मोदी सरकार में केवल 22 उद्योगपतियों को अमीर बनाया जा रहा है. जबकि इंडिया गठबंधन की सरकार देश के करोड़ों लोगों को लखपति बनाने की योजना लेकर आई है. नौकरी में ठेकेदारी प्रथा को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जायेगा. हर बेरोजगार परिवार के एक सदस्य की नौकरी पक्की होगी.
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राहुल गांधी ने यह भी कहा कि झारखंड की जल, जंगल, जमीन पर पहला अधिकार आदिवासियों का है, इसे कोई छीन नहीं सकता है लेकिन मोदी सत्ता में आये तो जल, जंगल, जमीन अडानी को दे देंगे और आदिवासियों को भीख मांगने भेज देंगे. राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो सभी गरीबों की लिस्ट बनेगी, जिसमें आदिवासी, दलित, गरीब, अल्पसंख्यक सब होंगे. सभी का उत्थान किया जाएगा.
'वोटर्स को भ्रमित कर रही है बीजेपी'
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा, बीजेपी झूठ की राजनीति कर रही है. जुमलेबाजी के जरिए मतदाताओं को भ्रमित कर रही है. बेरोजगारी और महंगाई से लोग परेशान हैं. बीजेपी ने हमेशा से आदिवासी मूलवासी को धोखा दिया है. प्रधानमंत्री चाईबासा आये, लेकिन आदिवासी मूलवासी के हित में कुछ भी नहीं कहा. बीजेपी आरक्षण विरोधी है जो संविधान बदलने की तैयारी में है. सीएम ने गठबंधन समर्थित झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी को जिताने की अपील की. उन्होंने कहा कि महागठबंधन सभी 14 सीट पर प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करेगा.
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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि वोट की चोट से केंद्र की तानाशाही सरकार को सबक सिखाना है. 13 मई को सभी लोग तीर कमान पर वोट देकर इंडिया गठबंधन प्रत्याशी जोबा मांझी को जिता कर दिल्ली भेजिए, तभी केंद्र सरकार को करारा जवाब मिलेगा. आपके पास मौका है अपनी सरकार चुनने का, झूठ बोलकर सत्ता में काबिज, जुमलेबाजी सरकार उखाड़ फेंकना है.