बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट से पप्पू यादव के निर्दलीय नामांकन करने के बाद उन्हें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने नॉमिनेशन वापस लेने का अल्टीमेटम दे दिया है. इस बीच पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि पप्पू यादव बड़े नेता हैं और उनका हमारे साथ न होना (Unfortunate) दुखद है.
पप्पू यादव को टिकट नहीं मिलना दुखद: रंजीता रंजन
रंजीता रंजन ने कहा, 'पप्पू यादव एक मजबूत और बड़े नेता हैं, दुखद है कि वो INDIA ALLIANCE का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ये गठबंधन के लिए अच्छी बात नहीं है, वो मजबूत हैं और तीन बार पूर्णिया के सांसद रहे हैं, वो हमारे साथ होते तो अच्छा होता.'
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे से पहले बीते महीने पप्पू यादव ने अचानक दिल्ली पहुंच कर 20 मार्च को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. इसके एवज में पप्पू यादव ने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया सीट से इंडी एलायंस का उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा दिया गया था.
लालू के दबाव में कांग्रेस को छोड़ना पड़ा पूर्णिया से दावा
हालांकि इससे पहले ही बिहार में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच पूर्णिया सीट को लेकर ठन गई. सीट वंटवारे से पहले ही लालू ने बीमा भारती को अपनी पार्टी आरजेडी का सिंबल देकर पूर्णिया से चुनाव मैदान में उतार दिया. इसके बाद पप्पू यादव कांग्रेस में बने रहने और उसी के टिकट पर चुनाव लड़ने का दावा करते रहे. जब दिल्ली में कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला हुआ तो कांग्रेस को लालू यादव के दबाव के आगे झुकना पड़ा और उन्हें पूर्णिया सीट से अपना दावा छोड़ना पड़ा.
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पप्पू ने किया नामांकन
इसके बाद पप्पू यादव ने गुरुवार यानी की नॉमिनेशन के अंतिम दिन निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पूर्णिया से नॉमिनेशन फाइल कर दिया और अब भी खुद को कांग्रेस का नेता ही बताते हैं. पप्पू यादव ने दावा किया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आशीर्वाद उनके साथ है.
कांग्रेस ने दिया अल्टीमेटम
कांग्रेस और महागठबंधन में इसको लेकर कन्फ्यूजन न हो इस वजह से कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पप्पू यादव को अल्टीमेटम दे दिया है. अखिलेश सिंह ने पप्पू यादव को नॉमिनेशन वापस लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि हमारी पार्टी इस तरह की चीजों को बर्दाश्त नहीं करती. बीमा भारती ही पूर्णिया से महागठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार है और हमलोग उन्हें जिताएंगे.
वहीं आज तक से बात करते हुए जब उनसे पूछा गया कि वो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के अल्टीमेटम पर क्या अपना नामांकन वापस लेंगे, पप्पू यादव ने इस पर सीधे कुछ भी कहते हुए घुमा फिराकर नॉमिनेशन वापस लेने से इनकार कर दिया.
चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता: पप्पू
पप्पू यादव ने कहा, 'अखिलेश प्रताप सिंह से हमारे व्यक्तिगत अच्छे संबंध हैं. मैं कांग्रेसी सिपाही हूं. हर वर्कर कांग्रेसी है, मैं उनके दिल में हूं. मैं कांग्रेस को बिहार में मजबूत करना चाहता हूं. मेरे नेताओं के लिए देश पहले है. मैं कांग्रेस के समर्थन से यहां उतरा हूं. मैं एक साल से यहां प्रणाम पूर्णिया सलाम पूर्णिया कर रहा हूं. सबको पता है कि यहां मैंने लोगों के बीच क्या किया है. मैं जिस लायक हूं, उस लायक मुझको रखा जाए. मुझे जनता का आशीर्वाद मिल रहा हूं. हम पूर्णिया से कहीं नहीं जाएंगे. यहां के लोगों की ही सेवा करेंगे.' बता दें कि पूर्णिया में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण यानी की 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.