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'पति-पत्नी के बीच में न पड़ें...', नवनीत राणा की बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को नसीहत

नवनीत राणा ने कहा कि मैं रवि राणा की पत्नी होने के नाते बोलती हूं कि मैं जिस पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में हूं, उस पार्टी के नेता पीएम मोदी, अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस हैं. मैंने ये फैसला अपनी इच्छा से लिया है और उनकी मर्ज़ी में अनुसार वो (पति रवि राणा) अपना निर्णय लेंगे. मुझे ऐसा लगता है कि पति-पत्नी के बीच कोई बाहर का ना ही बोले, तो अच्छा है.

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नवनीत राणा (फाइल फोटो)
नवनीत राणा (फाइल फोटो)

अमरावती लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के एक बयान को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. नवनीत राणा ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि बावनकुले को मेरे और मेरे पति रवि राणा के बीच में न पड़ें.

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दरअसल, बीते दिनों नवनीत राणा के भाजपा में शामिल होने के बाद अमरावती में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक में चंद्रशेखर बावनुकले ने कहा था कि नवनीत राणा अपने पति रवि राणा की युवा स्वाभिमानी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं. आने वाले दिनों में नवनीत अपने पति रवि को भाजपा में शामिल होने का आदेश देंगी. 

इस पर नवनीत राणा ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी इच्छा से भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है. रवि राणा को स्वतंत्र रूप से राजनीति में काम करने का अधिकार है. इसलिए पति-पत्नी के बीच में बावनकुले को नहीं बोलना चाहिए. नवनीत ने कहा कि वह भाजपा में एक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है. 

उन्होंने कहा कि मैं रवि राणा की पत्नी होने के नाते बोलती हूं कि मैं जिस पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में हूं, उस पार्टी के  नेता पीएम मोदी, अमित शाह और देवेंद्र फडणवीस हैं. मैंने ये फैसला अपनी इच्छा से लिया है और उनकी मर्ज़ी में अनुसार वो (पति रवि राणा) अपना निर्णय लेंगे. मुझे ऐसा लगता है कि पति-पत्नी के बीच कोई बाहर का ना ही बोले, तो अच्छा है.

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नवनीत राणा अमरावती से मौजूदा निर्दलीय सांसद थीं, लेकिन अब उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली है. 2019 में उन्होंने शिवसेना के आनंदराव अडसुल को हराकर एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. वह बीजेपी की समर्थक रही हैं. अप्रैल 2022 में, मुंबई पुलिस ने नवनीत राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. उन्हें और उनके पति को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी के बाद गिरफ्तार किया गया था. उन पर "विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने" के आरोप लगे थे.
 

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