लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में सियासत गरमा गई है. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव को लेकर कमर कस ली है. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने महागठबंधन में लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर शर्त रख दी है.
सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी दरअसल लोकसभा चुनाव में बिहार में 30 सीट चाहती है. कांग्रेस के लिए 7 सीटों का ऑफर है जबकि बाकी की बची 3 सीटें लेफ्ट को देने का फॉर्मूला है.
वहीं, कांग्रेस से सीट शेयरिंग पर अब तक नहीं बनी है. कांग्रेस कम से कम 11 सीट चाहती है. ऐसे में बिहार कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक 16 मार्च को होगी. इसमें सीट शेयरिंग फॉर्मूले और कांग्रेस के दावे वाली सीटों पर चर्चा होगी.
28 जनवरी को एनडीए में शामिल हो गए थे नीतीश
नीतीश कुमार 28 जनवरी को एनडीए में दोबारा शामिल हो गए थे. उन्होंने आरजेडी का साथ छोड़ने के साथ ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि हम लोग इतनी मेहनत कर रहे थे और सारा क्रेडिट दूसरे लोग (आरजेडी) ले रहे थे. अब नए गठबंधन में जा रहे हैं.
इस्तीफा देने के कुछ ही घंटे बाद नीतीश बीजेपी के समर्थन से दोबारा मुख्यमंत्री बन गए थे. सीएम पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने कहा था कि मैं पहले भी उनके साथ था. हम अलग-अलग राहों पर चले, लेकिन अब हम साथ हैं और रहेंगे. मैं जहां (एनडीए) था, वहां वापस आ गया हूं और अब कहीं और जाने का सवाल ही नहीं उठता.
बता दें कि मुख्यमंत्री रहते नीतीश का ये चौथा यूटर्न था. अगस्त 2022 में उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा था और दो साल से भी कम वक्त में वो दोबारा एनडीए से जुड़ गए.
2019 में ये रहे थे नतीजे
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में एनडीए ने यहां की 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. तब नीतीश की जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जेडीयू को 16, बीजेपी को 17 और एलजेपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी. एक सीट पर कांग्रेस जीती थी.