इंडिया ब्लॉक की महारैली में दिल्ली कांग्रेस ने शक्ति-प्रदर्शन किया. दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इस रैली को सफल बनाने के लिए दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा से कांग्रेस के समर्थक दिल्ली पहुंचे. इस रैली में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कविता सोरेन समेत सीताराम येचुरी और फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए. महारैली में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से 1000 से ज्यादा बसों से कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे. पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी और बाहरी दिल्ली से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ नजर आई.
रमजान के बावजूद पुरानी दिल्ली की मुस्लिम महिलाएं भी इस रैली में शामिल हुईं. उत्तर पूर्वी दिल्ली से भी कांग्रेस के कई नेता कार्यकर्ताओं के साथ रामलीला मैदान पहुंचे. दिल्ली कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक कार्यकर्ताओं के साथ रामलीला मैदान पहुंचे, लेकिन सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी के पंजाब यूनिट के कार्यकर्ता नजर आए.
आम आदमी पार्टी के कई नेता ऐसे कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे, जिन्होंने आम आदमी पार्टी की टीशर्ट पहन रखी थी, लेकिन हाथों मे कांग्रेस का झंडा था, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीर थी. इन कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से वह खासे नाराज हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ इस लड़ाई में खड़े हैं. इसीलिए वह कांग्रेस का झंडा लेकर पहुंचे हैं.
भीड़ देख कांग्रेस में जागी नई उम्मीद
रामलीला मैदान में जिस तरह से भीड़ जुटी, उससे कांग्रेस को एक नई उम्मीद नई जागी है. कहा जा रहा है कि लंबे वक्त से जो वोटर भ्रष्टाचार के मुद्दे के कारण केजरीवाल के पास गए थे वो वापस आ सकते हैं. दिल्ली कांग्रेस नेता जितेंद्र कोचर के मुताबिक खोए हुए वोट बैंक को वापस लाने के लिए कांग्रेस को इसी तरीके से लड़ाई लड़नी होगी.
क्या 2024 लोकसभा चुनाव में मिलेगा फायदा?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है, आम आदमी पार्टी अपनी जमी सत्ता खोना नहीं चाहती है, यही वजह है कि रामलीला मैदान से सुनीता केजरीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संदेश को कार्यकर्ताओं के सामने रखा, ताकि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में इसका फायदा मिल सके. इस रैली के जरिए आम आदमी पार्टी ये दिखाती नजर आई कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सभी विपक्षी दल एक हैं.