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'मोदी की गोद में जाकर बैठे नीतीश, PM सबको निगल रहे हैं...', पटना की रैली में बोले मल्लिकार्जुन खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, यूं तो पीएम मोदी इस बार आएंगे नहीं, लेकिन अगर वे फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह डिक्टेटर बनकर आएंगे और आपके गुलाम बना कर रखेंगे. अपने संबोधन के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भूल गए.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को बिहार की राजधानी पटना में एक जनसभा को संबोधित किया. खड़गे ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हर आंदोलन बिहार से शुरू होता है. उन्होंने कहा, पीएम मोदी कहते हैं कि बिहार में लालटेन लेकर गठबंधन वाले मुजरा कर रहे हैं. एक प्रधानमंत्री क्या इस स्तर की भाषा का इस्तेमाल कर सकता है? पीएम मोदी बताएं आपके शासन के 10 साल में क्या काम हुआ? हम अपने 55 साल का काम गिनवाने को तैयार हैं. 

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मोदी सबको निगल रहे हैं: मल्लिकार्जुन खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, यूं तो पीएम मोदी इस बार आएंगे नहीं, लेकिन अगर वे फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह डिक्टेटर बनकर आएंगे और आपके गुलाम बना कर रखेंगे. अपने संबोधन के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भूल गए. खड़गे ने कहा कि यहां के एक नेता हैं, मुख्यमंत्री... अरे भाई क्या नाम है उनका, हां नीतीश कुमार. बड़ी-बड़ी बात करते थे कर्पूरी के चेले जॉर्ज के साथी और सोशलिस्ट बनते थे. क्या हुआ, वह नरेंद्र मोदी की गोद में जाकर बैठ गए और मोदी सबको निगल रहे हैं.

चाय बेचने वाला बनकर सहानुभूति नहीं लेना चाहता: कांग्रेस अध्यक्ष
उन्होंने कहा, मैं पीएम मोदी की तरह चाय बेचने वाला बनकर सहानुभूति नहीं लेना चाहता. जो संघर्ष करके आगे आता है वो रोता नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद बाबा साहब ने जो संविधान बनाया उसमें सभी को बराबरी का हक दिया गया. अगर हर किसी को बराबरी का हक दिलाया तो वह कांग्रेस पार्टी ने दिलाया. अब सबको समान अधिकार है 1 वोट 1 वैल्यू का. 

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जहां बड़े-बड़े देशों में भी अधिकार नहीं था, वहीं भारत में सभी को जिस दिन यूनिवर्सल एडल्ट फ्रेंचाइजी एक्ट लागू हुआ उस दिन से समान अधिकार मिला. जहां दूसरे देश में महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना पड़ा, अपने वोट के लिए लड़ना पड़ा. फ्रांस में लड़ना पड़ा, ऑस्ट्रेलिया में लड़ना पड़ा, वहीं भारत में पहले ही दिन से महिलाओं को समान अधिकार मिला.

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