इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों ने पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास महारैली के जरिए लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन किया. महारैली का आयोजन राजद द्वारा किया गया था, जिसमें उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित इंडिया ब्लॉक के शीर्ष नेता शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सीपीआई महासचिव डी राजा, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने महारैली में आए लोगों को संबोधित किया. राजद का दावा है कि महागठबंधन की जन विश्वास महारैली में पहुंचने के लिए 15 लाख की भीड़ ने पटना कूच किया.
नीतीश को बताया पलटूराम
आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने जन विश्वास महारैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने भोजपुरी गाने, 'लागल झुलनिया के धक्का बलम कलकत्ता निकरि गए...' के जरिए अपने पुराने साथी नीतीश कुमार पर तंज भी कसा. लालू ने नीतीश का नाम लिए बिना कहा कि अब दुबारा यहां आने (राजद) की हिम्मत करेंगे, तो बढ़िया धक्का मिलेगा. राजद सुप्रीमो ने कहा कि 2017 में जब नीतीश कुमार महागठबंधन से एनडीए में गए थे तो हमने उनको गालियां नहीं दीं. हम बोले थे कि वह पलटूराम हैं. इसके बाद हम उनको फिर महागठबंधन में दोबारा लिए. हमसे गलती हुई. मैंने और तेजस्वी ने गलती की, लेकिन अब नहीं करेंगे.
जब #जनविश्वास_महारैली में गाँधी मैदान में लाखों-लाख उपस्थित थे तब उसी वक्त रैली में पहुँचने के लिये हजारों गाड़ियाँ पटना के इर्द-गिर्द जाम में फँसी थी।
जाम में फँसी हज़ारों गाड़ियों का यह काफिला गंगा पथ का है। लाखों लोग ट्रैफिक की वजह से मैदान में पहुँच ही नहीं पाए। रैली में 15… pic.twitter.com/pPLOuXCkpJ— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 3, 2024
पीएम मोदी पर साधा निशाना
पटना की जन विश्वास महारैली में लालू यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उनके धर्म को लेकर बड़ा बयान दे दिया. लालू ने कहा, 'ये मोदी... क्या है मोदी. मोदी कोई चीज है? नरेंद्र मोदी बिल्कुल भी हिंदू नहीं हैं. उनकी माता का जब देहावसान हो गया, हमारे यहां परंपरा है कि बेटा दाढ़ी-बाल बनावता है. मोदी बताएं उन्होंने क्यों नहीं छिलवाया? देश भर में नफरत फैलाने का काम कर रहे हो. राम मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा की बात कर रहे हो. बिना प्राण प्रतिष्ठा के ही इतने दिन से भगवान बने हुए हैं. बिहार में राजा दशरथ ने रामचंद्र जी का शादी किया. बिहार में एक से एक सूरमा पैदा हुआ है. इसी गांधी मैदान से देश भर में संदेश जाता है. बिहार की हवा में दम है. बिहार जो फैसला लेता है, उसी का देश अनुसरण करता है'.
सामाजिक न्याय के योद्धा की छवि भुनाने का प्रयास
लालू यादव ने अपने भाषण की शुरुआत दलित-पिछड़ों और आदिवासियों की राजनीतिक भागीदारी से शुरू की. उन्होंने नब्बे के दशक के सामंतों की बात कर अपने कोर वोट बैंक को साधने की कोशिश की. लालू ने सामाजिक न्याय के योद्धा की अपनी छवि को भुनाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, 'नब्बे के दशक में दलित-पिछड़ों और आदिवासियों को मतदान के अधिकार से दूर रखा जाता था. उस समय जो बड़े-बड़े सामंत हुआ करते थे, वे वोट और बूथ को अपने दरवाजे पर रखते थे, ताकि पिछड़ों के वोट लूट सकें. ऐसे सामंतों के खिलाफ हमने संघर्ष किया और लोगों को ताकत देने का काम किया. 90 के दशक में पिछड़ों को ताकत देने के लिए हमने इसी गांधी मैदान में छोटी-छोटी जातियों (पिछड़ा-दलित व आदिवासी) का सम्मेलन कराया'.
राजद सुप्रीमो ने बिहार में सामाजिक न्याय की दिशा में किए कए अपने कार्यों के बारे में भी लोगों को याद दिलाया. उन्होंने कहा, 'हमने मंडल कमीशन को लागू कराने के लिए काम किया. यह मंडल कमीशन का ही नतीजा है कि ये सामंती लोग गरीबों को आंख नहीं दिखा पाता है. मंडल कमीशन के कारण ही देश की राजनीति में दलितों और पिछड़ों को प्रतिनिधित्व मिल सका. मंडल कमीशन के कारण ही आज हर नेता दलित के घर-दरवाजे पर आकर खड़ा होता है'. उन्होंने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव की मंच से जमकर तारीफ की. लालू यादव ने कहा, ‘जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, मैं तेजस्वी से रोज पूछता था आज कितना नौकरी दिया, कितनी भर्ती हुई'.
तेजस्वी की विकास पुरुष की छवि गढ़ने की कोशिश
लालू यादव ने कहा, 'मैंने तेजस्वी से कहा था कि आरक्षण लागू होने के बाद पुलिस की भर्ती कराना, ताकि पिछड़े और दलित समाज के ज्यादा से ज्यादा लड़कों को नौकरी मिल सके. उनका प्रतिनिधित्व दिखे. इस यात्रा के लिए तेजस्वी ने काफी मेहनत की है. बिना सोये इतनी लंबी यात्रा की है. अभी पिछड़े, दलित भाइयों के बीच मेहनत करना है. तेजस्वी ने अच्छा काम किया है'. लालू प्रसाद ने महागठबंधन में शामिल दलों के कार्यकर्ताओं से अपील कि वे आज से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी में लग जाएं. उन्होंने मंच से पूछा, 'दिल्ली पर कब्जा करना है कि नहीं... तैयार हैं ना?' राजद प्रमुख ने कहा, 'बिहार की हवा मे इतना दम है कि जो बिहार फैसला लेता है, वही देश के लोग अनुकरण करते हैं. खासतौर पर दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा के घर जाइए. उनके साथ खाइये-पीजिए. उनके हित में खड़ा होकर उन्हें अपने साथ जोड़िए. बीजेपी तुम देश भर में नफरत फैला रहे हो, राम-रहीम के बंदों में नफरत फैला रहे हो. गठबंधन के साथी गोलबंद होकर इन्हें (बीजेपी को) विदा करेंगे'.