प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. उनसे विपक्षी पार्टियों के उस आरोप पर सवाल पूछा गया, जिसमें विपक्षी दल लोकतंत्र खतरे में होने की बात कहते हैं. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी सांसद भी उनके पास आकर उन्हें अपनी समस्या बताते हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की.
लोकतंत्र के सवाल पर क्या बोले PM
पीएम मोदी से पूछा गया, 'विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती हैं कि लोकतंत्र खतरे में है. वो कहती हैं कि लोकतांत्रिक संस्थाएं पहले से कमजोर हो गई हैं. उन्हें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट कमजोर हो रहा है, संसद में फटाफट बिल पास हो जाते हैं. इसे आप कैसे देखते हैं?
विपक्षी सांसद आकर बताते हैं परेशानी
पीएम मोदी ने सवाल के जवाब में कहा, 'हम उन्हें (विपक्ष) बार-बार कह रहे हैं कि संसद में बहस करने के लिए आइए. लेकिन उनको लगता है कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और कहने वाले लोग भी नहीं है. विपक्ष के नए सांसद आकर मुझसे कहते हैं कि हमारे तो 5 साल बर्बाद हो गए. हम संसद में एक शब्द नहीं बोल पाए.'
'विपक्ष वालों को तो खुश होना चाहिए'
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'मैंने उनके (विपक्ष) नेताओं को कहा कि आप एक घंटा आपके नए सांसदों को मौका दीजिए, इसके बाद संसद की कार्यवाही में बाधा डालिए. लेकिन दुर्भाग्य यह है कि कांग्रेस के इस परिवार के लिए लोकतंत्र मतलब उनका सत्ता में होना. वो इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि 2014 से इस देश ने कोई और सरकार चुन ली है और किसी और नेता को प्रधानमंत्री बना दिया है. उनके घोषणा पत्र के मुद्दों को हम लागू कर रहे हैं, तब भी उन्हें बुरा लग रहा है. जबकि उनको तो खुशी होनी चाहिए कि उन्होंने कहा और हम पूरा कर रहे हैं.'
पहले थे न्यापालिका मैनेज करने वाले लोग!
लोकतंत्र खतरे में होने के विपक्ष के आरोप पर पीएम मोदी ने कहा, 'लोग मुझसे कहते हैं कि इस सरकार की तो सुप्रीम कोर्ट में चलती ही नहीं है. इसका मतलब पहले कुछ ऐसे लोग थे, जो न्यायपालिका को मैनेज करते थे. मैं मानता हूं कि मुझे क्यों मैनेज करना चाहिए, कानून अपना काम करेगा.'