लोकसभा चुनाव की गहमागहमी जारी है. इसके मद्देनजर चार चरणों के चुनाव हो चुके हैं, तीन चरणों की वोटिंग और बाकी है. बयानबाजियों, चुनावी वादों और जीत की दावेदारियों के इस सिलसिले के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक से सबसे सॉलिड इंटरव्यू दिया. इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की.
इस इंटरव्यू में उन्होंने हर तरह के सवालों के बेबाक जवाब दिए साथ ही यह भी कहा कि मैं और मेरे साथी कमल के लिए काम कर रहे हैं, बल्कि हमारे विरोधी भी कमल के लिए ही काम कर रहे हैं. पीएम मोदी बातचीत के दौरान अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दिए. उन्होंने कहा भी कि 'हमारी सरकार बनने वाली है, ऐसा पूरी दुनिया को भरोसा है.'
प्रधानमंत्री से पूछा गया कि जब बीजेपी के टिकट दिए जा रहे थे तो लोग कहते थे कि यह टिकट नहीं, चुन लिए जाने का सर्टिफिकेट है. आपको कभी ऐसा लगा कि इस बार तीसरे टर्म के दौरान कैंडिडेट्स ने भी शायद ऐसा सोच लिया कि आपके नाम पर ही जीत के आना है. उनको कोई ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है?
इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तो यह कि मैं चुनाव जीतने वाला हूं और हमारी सरकार बनने वाली है, इस अनुमान पर पहुंचने में आप लेट हैं और काफी लेट हैं. मुझे सितंबर की मीटिंग के लिए राष्ट्रपति पुतिन का फोन आया था. मुझे जी7 में पार्टिसिपेशन के लिए फोन आया. दुनिया को तो पूरा भरोसा है कि यह सरकार बनने वाली है. आप काफी लेट हैं, लेकिन फिर भी देर आए दुरुस्त आए. अच्छा ही है.
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जहां तक चुनाव का सवाल है, 'मैंने एक साल पहले पार्टी की बड़ी मीटिंग करके कहा था कि कैंडिडेट का इंतजार मत करो. कमल ही आपका कैंडिडेट है और कोई कैंडिडेट है ही नहीं. एक साल से पहले से मैं सिर्फ कमल के लिए ही काम करना तय कर चुका था. मेरी पार्टी को मैंने उस प्रकार से प्रेरित कर दिया था. हम सभी लोग कमल के लिए ही काम कर रहे हैं. मैं भी कमल के लिए काम कर रहा हूं मेरे साथी भी कमल के लिए और हमारे विरोधी भी कमल के लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि वह जितना कीचड़ उछालते हैं कमल ज्यादा खिलता है.
तो क्या आपको ऐसा लगता है कि यह आपका सबसे कंफर्टेबल चुनाव है? इस सवाल पर पीएम ने कहा कि हमें कभी कंफर्ट जोन नहीं बनाना चाहिए. अगर यह कंफर्टेबल है तो मैं खुद चुनौती खड़ी करूंगा. देखिए, स्ट्रेट हाइवे पर एक्सीडेंट ज्यादा होते हैं और जहां मोड़ है वहां कम होते हैं तो मैं लोगों को जागृत रखना चाहता हूं, दौड़ाए रखना चाहता हूं. कंफर्ट जोन वाली दुनिया मुझे मंजूर नहीं.
इस सवाल पर कि अगर सब इतना आसान है तो इतनी मेहनत आप क्यों कर रहे हैं? पीएम मोदी ने कहा कि मैं इसको अवसर मानता हूं. ये मेरे लिए अवसर है. जनता जनार्दन के दर्शन करना, उनकी भावनाओं को समझना, यही तो मेरी प्राणशक्ति है, मेरी ऊर्जा है. दूसरा, लोकतंत्र में हमें चुनाव की जीत-हार को सीमित अर्थ में नहीं लेना चाहिए. यह एक प्रकार से बहुत बड़ी ओपन यूनिवर्सिटी होती है. आपके पास अपने विचारों को लोगों तक ले जाने का अवसर होता है. आप जब डायरेक्ट विचार ले जाते हैं तब न डायलूजन आता है न डायवर्जन आता है. एक परफेक्ट मैसेजिंग आप कर सकते हैं. अब जैसे काशी गया तो मेरा काशी का मिजाज अलग था, लेकिन मैं कोडरमा गया वहां का जो दृश्य देखा तो मैंने अपने भाषण का विषय बदल दिया. पहले मैं जाता था, रास्ते में कुछ अलग सोचता था. क्योंकि मुझे लगा कि यह जो लोग हैं मुझे इनके साथ बात करनी है. मैं मानता हूं कि सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि वे चुनाव का भरपूर उपयोग करें और लोगों को अपनी वर्किंग स्टाइल, अपने प्रोग्रम और अपनी आइडियोलॉजी से शिक्षित करें. मैं तो चाहूंगा कि अब भी 14 दिन बचे हैं, इनमें वह (विपक्षी दल) यही करें, लेकिन नहीं कर रहे हैं.