लोकसभा चुनाव 2024 के बीच आजतक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे सॉलिड इंटरव्यू लिया. इसमें पीएम मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर सवाल पूछे गए. इंटरव्यू में प्रधानमंत्री से जब भारतीय जनता पार्टी और बीजेडी, वायएसआर कांग्रेस जैसे दलों के बीच संबंध को लेकर सवाल पूछा गया तो पीएम मोदी ने इसका जवाब क्रिकेट और खेल के मैदान का जिक्र करते हुए दिया. साथ ही उन्होंने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट किया. इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की.
पीएम मोदी से आजतक का सवाल था कि लोकसभा का चुनाव हो या फिर विधानसभा का भाजपा ओडिशा में बीजेडी या आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, ये सभी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ती हैं, लेकिन जब संसद में कोई ऐसा काम होता है जहां पर संख्या की जरूरत होती है या फिर कोई विधेयक पास कराना होता है, ये सरकार के साथ खड़ी नजर आती हैं. यह मित्र और दुश्मन वाला कैसा रिश्ता है? क्या वोटर इससे कंफ्यूज नहीं होगा?
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इसके जबाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो इस बात के पक्षधर हैं कि चुनाव तीन या चार महीने के लिए होना चाहिए. पांच साल राजनीति नहीं होनी चाहिए. पीएम ने कहा कि हमें चार-साढ़े चार साल मिल बैठ कर देश चलाना चाहिए. चुनाव के समय हमें पूरी ताकत से एक दूसरे के खिलाफ लड़ना चाहिए. खेल के मैदान का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, आपने देखा होगा खेलकूद में फ्रेंडली मैच होते हैं. लेकिन, जब असली मैच होता है तब आमने सामने हार-जीत की लड़ाई होती है. पहले टेस्ट मैच होता था, उसके पहले तीन दिन का एक फ्रेंडली मैच होता था. इस दौरान खिलाड़ी एक-दूसरे को जानते-पहचानते हैं. राजनीति में भी मेरा मत है कि चार-साढ़े चार साल मुद्दों के आधार पर देश हित में हम लोगों को चलना चाहिए.
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जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने थर्ड टर्म में वन नेशन, वन इलेक्शन के वादे को पूरा करने पर सवाल किया गया तब उन्होंने बताया कि वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर पहले से ही भाजपा का मत रहा है. यह कोई नया नहीं है. पीएम ने कहा, मुझे बड़ा दर्द होता है कि जब एक राज्य में चुनाव हो रहा हो, और देश का प्रधानमंत्री उस राज्य में जाकर किसी भी दल के मुख्यमंत्री के खिलाफ भाषण कर रहा हो...ऐसे देश कैसे चलेगा? पॉलिटिकल मजबूरी है कि मुझे उस राज्य में जाकर बोलना पड़ रहा है. अच्छा होगा एक साथ चुनाव हो... जो भी बोलना हो, सब लोग बोल लेंगे. साथ ही उन्होंने चुनाव के दौरान होने वाले खर्च का भी जिक्र किया.
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पीएम मोदी ने कहा, चुनाव में लॉजिस्टिक खर्चा कितना होता है. मैं जब गुजरात में था तो मनमोहन सिंह जी की सरकार के समय इलेक्शन कमीशन सबसे ज्यादा अफसर ऑब्जर्वर के रूप में मेरे यहां से उठाकर ले जाते थे. मेरे 70 से 80 अफसर चले जाते थे, और साल में करीब-करीब 100 दिन तक किसी न किसी चुनाव में लगे रहते थे. पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात एक एक्टिव राज्य है. 80 लोग चले जाते हैं तो मैं काम कैसे करूंगा? मैंने इसे बंद करने को कहा लेकिन कानून ऐसे हैं कि मुझे अधिकारी देने पड़ते थे. मोदी ने कहा कि यह हर राज्य की मुसीबत है. इसके अलावा आचार संहिता के कारण 45 दिन तक का सबको वेकेशन मिल जाता है. इतना बड़ा देश अगर रुक जाए तो यह बहुत बड़ा संकट है. पहले एक साथ ही इलेक्शन होता था. कई चुनावों का दौर तो बाद में आया.
पीएम मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए गठित कमीशन का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट का स्टडी की जा रही है. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर हमारा कमिटमेंट बस पॉलिटिकल कमिटमेंट नहीं है, बल्कि यह देश के लिए बहुत जरूरी कदम है.