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PM Modi Interview: 'जो बच्चे समझते हैं, वो नेता नहीं समझते', जब PM मोदी ने सुनाया UCC से जुड़ा दिलचस्प किस्सा

आजतक के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने यूसीसी को लेकर गोवा का उदाहरण दिया. इस दौरान उन्होंने एक किस्सा भी साझा किया जब एक यात्रा के दौरान उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से यूसीसी पर सवाल पूछे थे. उन्होंने कहा कि जो बात स्कूल के बच्चे समझते हैं, वह ये नेता नहीं समझते.

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पीएम मोदी ने आजतक से की खास बातचीत
पीएम मोदी ने आजतक से की खास बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने aajtak के साथ खास बातचीत में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर विपक्ष के नेरेटिव पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दर्जन बार कहा है कि देश में यूसीसी लाओ. बातचीत में उन्होंने यूसीसी को लेकर गोवा का उदाहरण दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने एक किस्सा भी साझा किया जब एक यात्रा के दौरान उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से यूसीसी पर सवाल पूछे थे. उन्होंने कहा कि जो बात स्कूल के बच्चे समझते हैं, वह ये नेता नहीं समझते.

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इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी ने PM मोदी से देश के तमाम मुद्दों पर बात की. पीएम मोदी से पूछा गया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक दूसरा नेरेटिव है. लोग कहते हैं कि वन नेशन-वन ड्रेस हो जाएगी, वन नेशन-वन फूड हो जाएगा, वन नेशन-वन लैंग्वेज हो जाएगा और उसके आगे यह कि अब वन नेशन-वन लीडर हो जाएगा और हम उसी तरफ बढ़ रहे हैं. इसपर आपका क्या कहना है?

'SC दो दर्जन बार कह चुका है यूसीसी लाओ'
 
जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'जो लोग ऐसा बोलते हैं उनसे काउंटर सवाल होना चाहिए कि आप यह नेरेटिव कहां से लाए हैं. उन्होंने यूसीसी पढ़ा है क्या? यूसीसी क्या होता है? इस देश के पास उदाहरण है, गोवा में यूसीसी है. आप मुझे बताइए कि क्या गोवा के लोग एक ही तरह के कपड़े पहनते हैं? क्या गोवा के लोग एक ही तरह का खाना खाते हैं? यूसीसी को लेकर मजाक बनाकर रखा है. इसका तो कोई लेना देना ही नहीं. भारत की सुप्रीम कोर्ट ने कम से कम दो दर्जन बार कहा है कि इस देश में यूसीसी लाओ.'

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पीएम ने साझा किया यूसीसी से जुड़ा किस्सा
 
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे याद है कि मैं शायद एकता यात्रा में चला था. कन्या कुमारी से कश्मीर जा रहा था. महाराष्ट्र के शायद औरंगाबाद में हमारे रथ का शाम का जो कार्यक्रम था उस पर चिली का कोई बाजार है. डॉक्टर जोशी को उससे अलर्जी है तो वह बीमार हो गए. बड़ी हालत खराब हो गई. तो सारा मोर्चा मुझे संभालना पड़ा. हमारा रथ एक स्कूल के पास से गुजरा. मैंने कहा कि रथ रोको नीचे बात करते हैं तो मैं बच्चों के साथ बात करने गया. उसका वीडियो कहीं उपलब्ध भी होगा.' 

उन्होंने कहा, 'उस जमाने में बच्चों से मैंने पूछा कि बताओ भाई, आपके परिवार में पांच लोग हैं. क्या बड़े भाई के लिए आपके माता-पिता एक नियम कानून रखते हैं, दूसरे भाई के लिए दूसरा नियम कानून रखते हैं, तीसरे के लिए अलग तो आपका परिवार चलेगा क्या. सब बच्चे बोले- नहीं, नहीं ऐसा कैसे चल चकता है.'

'जो बच्चे समझते हैं, नेता नहीं समझते'

पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने करीब दस सवाल पूछे और उन बच्चों ने यही कहा कि सबके लिए समान कानून होने चाहिए और वे आठवीं-नवमी के बच्चे थे. जो मेरे देश के, महाराष्ट्र के टीयर टू-टीयर थ्री बच्चे समझते हैं वह देश के नेता नहीं समझते हैं. तब मेरे मन में सवाल उठता है कि ये नेरेटिव झूठे हैं. यह किसी पॉलिटिकल पार्टी का विषय नहीं है बल्कि यह देश के संविधान में लिखा है कि भारत को उस दिशा में जाना चाहिए.'

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