देश में इस समय चुनावी सरगर्मियां जोरों पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांट देगी. इस दौरान पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के एक बयान का जिक्र किया था. पीएम मोदी का दावा है कि मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है.
पीएम मोदी के इस बयान के बाद अब एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 2006 का बयान चर्चा में आ गया है. पूर्व पीएम ने नौ दिसंबर 2006 को ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना और विकास पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की 52वीं बैठक को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में समाज के सभी पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के विकास में समान हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनके सशक्तिकरण की बात कही थी.
क्या कहा था पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने?
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं बहुत स्पष्ट हैं. कृषि, सिंचाई एवं जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम हमारी प्राथमिकताएं हैं. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है. हमें ये सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिले. संसाधनों पर पहला हक उन्हीं का होना चाहिए.
उन्होंने कहा था कि योजना आयोग निश्चित रूप से ऐसे कार्यक्रमों को खत्म करने के लिए उनकी समीक्षा करेगा, जिनका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है. लेकिन हम इस तथ्य से बच नहीं सकते कि आगामी भविष्य में केंद्र के संसाधनों का विस्तार होगा और राज्यों की जिम्मेदारियां बढ़ेगी.
उन्होंने कहा था कि 11वीं पंचवंर्षीय योजना ऐसे पड़ाव पर शुरू हो रही है, जब हमारे देश की आर्थिक क्षमता ने हमारे संस्थापकों के सपनों को साकार करना संभव बनाया है. एक ऐसे भारत का सपना, जो समृद्ध और न्यायसंगत हो. एक ऐसा भारत जो समावेशी हों. एक ऐसा भारत जो प्रत्येक नागरिक को अपने कार्यक्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करने का अवसर दे. 11वीं पंचवर्षीय योजना से यकीनन वह सपना पूरा होगा. यह हमारे लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा.
PMO ने जारी किया था स्पष्टीकरण
उस समय भी मनमोहन सिंह के बयान पर विवाद हुआ था. इसके बाद 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया था. इस स्पष्टीकरण में कहा गया था कि पीएम ने अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की बात की है. लेकिन इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया है.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांट देगी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.
PM मोदी ने रैली में कहा कि ये शहरी-नक्सली मानसिकता मेरी माताओं और बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं छोड़ेगी. कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों के साथ गोल्ड का हिसाब करेंगे, उसके बारे में जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को अल्पसंख्यकों को बांट देंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब है कि ये संपत्ति एकत्र कर किसे बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, ये संपत्ति उनको बांटेंगे. ये संपत्ति घुसपैठियों को बांटेंगे, क्या आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आपको यह मंजूर है?