लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं और इनमें सबसे हॉट सीट वाराणसी भी हैं. वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. वाराणसी से दो बार के सांसद पीएम मोदी के सामने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय को उतारा है. सपा-कांग्रस गठबंधन की चुनौती के बावजूद वाराणसी के चुनावी दंगल को बीजेपी के लिहाज से कहा जा रहा है कि यह बहुत आसान होने वाला है. इन सबके बीच अब चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में बीजेपी ने वाराणसी में पूरी ताकत झोंक दी है.
लगातार दो बार की सत्ताधारी बीजेपी जहां तीसरी जीत को बड़ा करने के लिए 'अबकी बार,400 पार' का नारा देकर उतरी है. वहीं, बीजेपी के कद्दावर नेता इसी तर्ज पर वाराणसी सीट से पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार संसद भेजने, सबसे बड़ी जीत का तोहफा देने के लिए काशी की प्रचार भूमि में उतर आए हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता काशी में हैं. दर्जन भर के करीब मंत्री-मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार में जुटे हैं तो वहीं पार्टी ने अलग-अलग समाज-वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी दी है. वाराणसी सीट के लिए बीजेपी की रणनीति क्या है? आइए, नजर डालते हैं.
1- माइक्रो मैनेजमेंट
बीजेपी का जोर माइक्रो मैनेजमेंट पर है. वाराणसी में माइक्रो मैनेजमेंट की कमान इस बार सीआर पाटिल संभाल रहे हैं. गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने तब भी वाराणसी में कैंप किया था जब 2014 में नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे. सीआर पाटिल और उनकी टीम के साथ गुजरात बीजेपी के प्रभारी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) रत्नाकर भी एक्टिव हो गए हैं. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सीआर पाटिल की अगुवाई में ही बीजेपी ने पन्ना प्रमुख और पेज कमेटी के फॉर्मूले का सफल प्रयोग वाराणसी में किया था.
2- आक्रामक प्रचार रणनीति
बीजेपी ने वाराणसी सीट पर जीत बड़ी करने के लिए विधानसभा और बूथ स्तर तक प्लानिंग की है. पार्टी ने करीब तीन सौ से अधिक पदाधिकारियों और पूर्व पदाधिकारियों की भारी-भरकम फौज विधानसभा स्तर पर प्रचार के लिए उतार दी है. अलग-अलग वर्गों को साधने के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है तो वहीं पर्ची वितरण से लेकर मॉनिटरिंग तक के काम में भी डेडिटेड टीम लगाई गई है. विधायक-पूर्व विधायक, पार्षद और संगठन से जुड़े लोगों के साथ ही यूपी के अलग-अलग जिलों, दूसरे राज्यों से आए नेता-कार्यकर्ता भी डोर-टू-डोर कैंपेन में जुटे हैं.
3- कद्दावर नेताओं के कार्यक्रम
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी में एक्टिव हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं. दो मुख्यमंत्रियों को छोड़ दें तो पिछले दो दिनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत तीन केंद्रीय मंत्री, डिप्टी सीएम समेत यूपी सरकार के आधा दर्जन मंत्री सार्वजनिक कार्यक्रम कर चुके हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वाराणसी में हैं जहां उनके कई कार्यक्रम हैं तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह की रैली भी होनी है. चर्चा है कि पीएम मोदी भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में वाराणसी पहुंचेंगे.
4- जीत के अंतर की लड़ाई
नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में एनडीए की ओर से पीएम उम्मीदवार घोषित होने के बाद वाराणसी सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था. तब वह 3 लाख 37 हजार वोट के अंतर से जीते थे. 2014 में उन्होंने वाराणसी के साथ ही गुजरात की वडोदरा सीट से भी चुनाव लड़ा था. वडोदरा से वह 5 लाख 70 हजार वोट के अंतर से चुनाव जीते थे. 2019 में पीएम मोदी की जीत का अंतर बढ़ा और वह 4 लाख 75 हजार वोट से जीते. 2024 के चुनाव में बीजेपी की रणनीति जीत का अंतर बढ़ने की इस टेंडेंसी को बरकरार रखने की है.
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बीजेपी ने इस बार अपने सबसे बड़े नेता को देश के चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी जीत का तोहफा देने का टारगेट सेट किया है. बीजेपी ने वाराणसी सीट पर 10 लाख से भी अधिक वोट के अंतर से जीत का लक्ष्य रखा है. किसी चुनाव में सबसे अधिक वोट के अंतर से जीत का रिकॉर्ड फिलहाल बीजेपी के ही सीआर पाटिल के नाम दर्ज है. पाटिल 2019 के चुनाव में गुजरात की नवसारी सीट से 6 लाख 89 हजार वोट के अंतर से जीते थे. पार्टी नहीं चाहती कि चुनाव अभियान में किसी तरह का लूपहोल रह जाए और इसका असर जीत के अंतर के रूप में नजर आए.
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5- आसपास की सीटों पर नजर
बीजेपी की नजर वाराणसी के साथ ही आसपास की सीटों पर भी है. किसी भी सीट से किसी बड़े नेता के चुनाव लड़ने पर आसपास की दूसरी सीटों पर भी पक्ष में माहौल बनता है. 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी को पीएम मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने का लाभ चंदौली, जौनपुर, भदोही जैसी सीटों पर भी मिला था. बीजेपी की कोशिश इस बार भी काशी के संदेश को आसपास की सीटों पर कैश कराने की है.
पीएम मोदी के नॉमिनेशन में जुटा था एनडीए का पूरा कुनबा
पीएम मोदी ने 14 मई को वाराणसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था. तब भी बीजेपी और एनडीए ने शक्ति प्रदर्शन किया था. पीएम मोदी के नॉमिनेशन में बीजेपी और एनडीए की सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही गठबंधन में शामिल घटक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी पहुंचे थे. एलजेपीआर के अध्यक्ष चिराग पासवान, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत एनडीए के कई कद्दावर नेता पीएम मोदी के नामांकन में शामिल होने वाराणसी पहुंचे थे.