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2019 में केदारनाथ, इस बार विवेकानंद मेमोरियल रॉक... चुनाव प्रचार थमने के बाद ध्यान लगाने कन्याकुमारी जाएंगे PM मोदी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के चुनाव में चुनाव प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी जा सकते हैं. पीएम मोदी 31 मई को विवेकानंद रॉक पहुंच पूरे दिन ध्यान लगाएंगे. पिछले आम चुनाव में प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे थे और रूद्र गुफा में ध्यान लगाया था.

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2019 में प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी ने रुद्र गुफा में लगाया था ध्यान (फाइल फोटो)
2019 में प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी ने रुद्र गुफा में लगाया था ध्यान (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण की सीटों के लिए चुनाव प्रचार थमने के बाद तमिलनाडु जा सकते हैं. पीएम मोदी तमिलनाडु पहुंच कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंच ध्यान कर सकते हैं. सातवें चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है. इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार 30 मई की शाम 5 बजे थम जाएगा. सूत्रों की मानें तो चुनाव प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी के 30 मई की ही रात तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुंचने का कार्यक्रम है.

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जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 31 मई को विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं. 31 मई को पूरे दिन पीएम मोदी रॉक मेमोरियल पहुंच ध्यान कर सकते हैं. इससे पहले पीएम मोदी की 30 मई, गुरुवार को पंजाब में रैली भी है. पीएम मोदी 30 मई को पंजाब के होशियारपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. पंजाब में चुनावी रैली के बाद पीएम मोदी का तमिलनाडु दौरे पर पहुंचने का कार्यक्रम है जहां वे रात्रि विश्राम भी करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी का 31 मई और 1 जून का आधिकारिक कार्यक्रम अभी जारी नहीं किया गया है.

प्रचार थमने के बाद ध्यान करेंगे पीएम मोदी

सातवें चरण के चुनाव प्रचार के थमने पर प्रधानमंत्री 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी का दौरा करेंगे. कन्याकुमारी में पीएम मोदी रॉक मेमोरियल का दौरा करेंगे और 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में उसी स्थान पर दिन-रात ध्यान करेंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था.

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कन्याकुमारी को ही क्यों चुना?

कन्याकुमारी का रॉक मेमोरियल वही जगह है जहां स्वामी विवेकानन्द को भारत माता का विजन दिखा. इस शिला का स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा. लोगों का मानना ​​है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानन्द के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती है. देशभर में घूमने के बाद वे यहीं पहुंचे और तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा.

उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी विवेकानंद के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

कितनी अहम है यह जगह?

मान्यताओं के मुताबिक देवी पार्वती वे भी उसी स्थान पर एक पैर पर बैठकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी. यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है. इसके अलावा, यह वह स्थान है जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है. 

बताते चलें कि पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं. यह तमिलनाडु के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम को भी दर्शाता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं. पीएम चुनाव प्रचार के अंत में आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए जाने जाते हैं. इस बार 30 मई को वो कन्याकुमारी पहुंचेंगे और 1 जून तक वहीं रहेंगे. ऐसा ही उन्होंने 2019 में भी किया था. पीएम मोदी ने 2019 में केदारनाथ का दौरा किया था, वहीं साल 2014 में उन्होंने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था.

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2019 में प्रचार थमने के बाद केदारनाथ गए थे पीएम

यह कोई पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार थमने के बाद ध्यान लगाने कहीं जा रहे हों. पीएम मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अंतिम चरण की सीटों के लिए चुनाव प्रचार थमने के बाद ध्यान लगाने चले गए थे. तब पीएम मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ गए थे. पीएम मोदी ने उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंच रूद्र गुफा में ध्यान किया था. इस बार पीएम मोदी कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं. पीएम का ये ध्यान कार्यक्रम चुनाव प्रचार थमने और मतदान के बीच का है.

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1 जून को इन सीटों पर होना है मतदान

लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश समेत आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इस चरण में कुल 904 उम्मीदवार मैदान में हैं. यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर 144, पंजाब की 13 सीटों पर 328, पश्चिम बंगाल की नौ सीटों पर 124, बिहार की आठ सीटों पर 134 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर 37, झारखंड की तीन सीटों पर 52, ओडिशा की छह सीटों पर 66 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इस चरण की सीटों के लिए 2105 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे. इनमें से 954 नामांकन पत्र वैध पाए गए थे. 50 उम्मीदवारों ने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया था.

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