चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने कांग्रेस नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को ब्रेक लेने की सलाह दे दी है. पीके ने कहा है कि अगर इस बार लोकसभा चुनाव में सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) का प्रदर्शन निराशाजनक रहता है तो राहुल गांधी को अलग हटकर ब्रेक ले लेना चाहिए.
न्यूज़ एजेंसी PTI से प्रशांत किशोर ने कहा,'राहुल गांधी पिछले 10 सालों से कांग्रेस को असफल तरीके से चला रहे हैं. इसके बाद भी वह अलग हटने और किसी दूसरे को पार्टी की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं. जब पिछले 10 साल से एक ही काम बिना किसी सफलता के कर रहे हैं तो ब्रेक लेने में कोई हर्ज नहीं है. आपको इसे किसी और को 5 साल के लिए करने देना चाहिए.'
'...तब ही की जा सकती है मदद'
पीके ने कहा,'दुनियाभर के अच्छे नेताओं में एक अच्छा गुण ये भी है कि वे कमियों को स्वीकार करते हैं और सक्रिय रूप से उन्हें दूर करने की कोशिश भी करते हैं. लेकिन राहुल गांधी को ऐसा लगता है कि उन्हें सब पता है. सच यह है कि अगर आपको नहीं लगता की मदद की जरूरत है तो कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता. राहुल को लगता है कि उन्हें किसी ऐसे शख्स की जरूरत है, जो उस काम का क्रियान्वयन करे, जो उन्हें सही लगता है. लेकिन यह संभव नहीं है.'
राहुल के बयान का किया जिक्र
PK ने 2019 के चुनावों में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष के पद से राहुल के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा,'राहुल गांधी ने तब कहा था कि वह पीछे हट जाएंगे और किसी और को कार्यभार संभालने देंगे. हालांकि, व्यवहारिक तौर पर उन्होंने अपने शब्दों के विपरीत काम किया है.'
पार्टी के अंदर नहीं ले सकते निर्णय
पीके ने राहुल गांधी से असहमति की जरूरत पर कहा,'कई नेता निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि वे 'xyz' की मंजूरी के बिना पार्टी के अंदर कोई भी निर्णय नहीं ले सकते. कांग्रेस और उसके समर्थक किसी भी व्यक्ति से ऊपर हैं. राहुल गांधी को इस बात पर जोर नहीं देना चाहिए कि बार-बार विफलताओं के बावजूद उन्हें अकेले ही पार्टी के लिए काम करना होगा.'
कांग्रेस की हार के ठीकरे पर क्या बोले PK?
प्रशांत किशोर से राहुल गांधी के उस दावे पर सवाल पूछा गया, जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष चुनावी असफलताओं का ठीकरा चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया पर फोड़ते हैं. इस पर पीके ने कहा कि आंशिक रूप से इसमें कुछ सच्चाई हो सकती है, लेकिन इससे पूरी तस्वीर पेश नहीं होती है. 2014 के चुनावों में सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस 206 सीटों से गिरकर 44 पर आ गई थी. उस समय भाजपा का संस्थानों पर सीमित प्रभाव था.
जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं प्रशांत किशोर
बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर I-PAC नाम की एक चुनावी रणनीति बनाने वाली कंपनी का संचालन करते थे. हालांकि, उनका दावा है कि अब उन्होंने इस कंपनी से खुद को अलग कर लिया है. इन दिनों वह बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं.