पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की लगातार हार पर अपनी राय रखी. राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि 'अज्ञानता, आलस्य, अहंकार' कांग्रेस को चुनावी सफलता हासिल करने से रोक रहे हैं. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को राजनीति से ब्रेक लेने की सलाह भी दी.
इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में भारतीय राजनीति में कांग्रेस की भविष्य की संभावनाओं में सुधार के संभावित तरीकों के बारे में पूछे जाने पर, प्रशांत किशोर ने जवाब दिया, 'सुधार तभी होता है जब किसी को अहसास होता है कि उनमें कुछ कमी है और सुधार की जरूरत है.'
उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा स्थिति से पता चलता है कि पार्टी में 'मानसिक अज्ञानता, बौद्धिक आलस्य और अहंकार' है और पार्टी अभी भी इसी तरीके से चल रही है.
'कांग्रेस नहीं समझ रही कि किन बदलावों की है जरूरत'
उन्होंने विस्तार से बताया, 'यह ऐसा है जैसे किसी का विचार है कि वे सही रास्ते पर है, लेकिन लोग शायद यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे क्या कर रहे हैं.' प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के पीछे एक और संभावना यह है कि वे इस बारे में 'बहुत ज्यादा अनभिज्ञ' हैं कि भारतीय राजनीति में क्या चल रहा है और इसमें सुधार के लिए क्या करने की जरूरत है.
'इन तीनों का संयोजन है कांग्रेस'
कांग्रेस के बारे में अपने व्यक्तिगत विचार साझा करते हुए, किशोर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह तीनों (अज्ञानता, आलस्य, अहंकार) का एक संयोजन है. सबसे पहले, कांग्रेस को यह समझ में नहीं आ रहा है कि लोग उसे वोट क्यों नहीं देते हैं.' दूसरा कारण यह हो सकता है कि भले ही पार्टी यह समझती भी हो, लेकिन फिर वे इतने आलसी हैं कि वे सुधार करने की कोशिश तक नहीं करते हैं. तीसरा पार्टी को यह अहंकार हो सकता है कि उन्हें लगता है कि भले ही लोग उन्हें वोट नहीं दे रहे हैं, लेकिन जनता को किसी दिन अपनी गलती का अहसास होगा और अंततः जनता कांग्रेस को वोट दे देगी.'
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 2014, 2019 और यहां तक कि 2024 के सभी लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी हमेशा कांग्रेस के केंद्र बिंदु थे, भले ही आधिकारिक तौर पर पार्टी का अध्यक्ष कोई भी हो.
राहुल को ब्रेक की सलाह
बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसा कभी नहीं हो सकता कि कोई एक सामान्य नेता खड़े होकर गांधी परिवार के विरुद्ध जाकर पार्टी का नेतृ्त्व करे. राहुल को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आप कुछ दिन का ब्रेक लें. अपनी ही मर्जी के किसी व्यक्ति को पार्टी की कमान सौंपें और 2-3 साल बाद जब पार्टी की स्थिति सुधरे तब दोबारा राजनीति में एंट्रीं करें. प्रशांत किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि अगर पार्टी की कमान 2-3 साल के लिए ही कोई और संभाल ले तो उम्मीद है कि कांग्रेस की हालत में सुधार होगा.