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PM Modi Exclusive Interview: 100 नहीं, पहले सवा सौ दिन का एजेंडा बना रहे हैं पीएम मोदी, aajtak को बताया-क्यों!

PM Modi Exclusive Interview: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने 100 दिन का एजेंडा प्लान कर लिया है. मैं इसमें 25 दिन और जोड़ना चाहता हूं. इसे पूरी तरह यूथ पर फोकस करूंगा कि आप मुझे आइडिया दीजिए. मुझे अपनी प्रायोरिटी बताइए, जिस पर मैं 25 दिन पूरी तरह से डेडिकेट करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं 100 दिन को आगे बढ़ा रहा हूं, अब सवा सौ दिन के एजेंडे पर काम करूंगा.

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पीएम मोदी ने आजतक से खास बातचीत की
पीएम मोदी ने आजतक से खास बातचीत की

PM Modi Exclusive Interview: लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजतक से खास बातचीत की. सबसे सॉलिड इंटरव्यू में उन्होंने देश के तमाम मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिए. अपने 100 दिन के एजेंडे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वह 100 नहीं, अब सवा सौ दिन का एजेंडा बना रहे हैं.

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इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल, मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप, मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह और कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने 2001 में गुजरात में आए भूकंप का जिक्र कर अपने अनुभव साझा किए. 

पीएम मोदी से पूछा गया कि जब लोग चुनाव की तैयारी करते हैं, कैंडिडेट्स की लिस्ट बनाते हैं, घोषणापत्र तय करते हैं, लेकिन आप 100 दिन आगे का एजेंडा बनाने में लग गए हैं. 2014 में जब पहली बार केंद्र की सत्ता में आए तो 100  दिन के अंदर OROP, काले धन पर SIT गठित की. 2019 में आए तो 62 दिन में ट्रिपल तलाक से आजादी दिलाई और कश्मीर में 370 से आजादी दिलाई. 2024 में अगर सत्ता में आते हैं, तो 100 दिन में क्या करेंगे? कौन से बड़े और सख्त फैसले ले सकते हैं?

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जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये शायद मेरी कार्यशैली का हिस्सा रहा है कि मैं चीजों को बहुत Well and Advance तरीके से करता हूं. जब मैं संगठन का काम करता था, तब भी मैं काफी पूर्वानुमान लगाता था कि मुझे इस समय ये करना है, इस समय वो करना है. इसलिए मैं टाइम का भी ढंग से बंटवारा करता हूं. इससे प्रायोरिटी भी आसानी से तय कर सकता हूं. मैं किसी मैनेजमेंट स्कूल का स्टूडेंट तो नहीं रहा हूं, लेकिन शायद काम करते-करते ये डेवलप हुआ है.

देखें पूरा इंटरव्यू

पीएम ने आगे कहा कि बहू भी जब शादी करके घर में नई आती है, तो पहले 5-10 दिन देखती है कि यहां कैसे काम करते हैं, क्या स्वभाव है. तो मुझे लगा कि मुझे भी इसे एड्रेस करना चाहिए. 

प्रधानमंत्री मोदी आगे बोले, 'मैं एक बड़ी मजेदार घटना बताता हूं, 26 जनवरी 2001 को गुजरात में भूकंप आया था. मैं उस वक्त पार्टी का काम करता था. उसी साल अक्टूबर के महीने में मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला. सीएम पद की शपथ लेकर मैं सीधा भूकंपग्रस्त इलाके में चला गया. दो-तीन रात वहीं रहा, सब चीजों को बारीकी से देखा. पहले वॉलंटियर के रूप में देखता था, अब मैं मुख्यमंत्री के रूप में देख रहा था. फिर मैंने अफसरों की मीटिंग ली, तो सभी ने बताया कि मार्च तक यह हो जाएगा, तो मैंने कहा कि सबसे पहले तुम्हारा ये मार्च वाला बजट कैलेंडर है, उसे बगल में रख दो और मुझे बताओ कि अगली 26 जनवरी के पहले क्या करोगे?'

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PM मोदी ने आगे कहा, 'तब मैंने अफसरों से कहा था कि दुनिया 26 जनवरी को देखने आएगी कि एक साल में हमने क्या किया है? फिर मैंने पूरी मशीनरी को सक्रिय किया और यहां शायद 24 जनवरी को दिल्ली में आकर प्रेसवार्ता की थी. मैंने देश को रिपोर्ट कार्ड दिया था और उस समय जैसा मेरा अनुमान था कि बहुत बड़ी मात्रा में मीडिया गुजरात पहुंचा था. वो मीडिया चाहता था कि हमारी चमड़ी उधेड़ दे, लेकिन 24, 25 और 26 जनवरी की रिपोर्ट वाहवाही के सिवाय कुछ और नहीं थी. उसका एक कारण ये था कि मैंने मार्च के डेड एंड को प्रिपोन कर लिया, तो मेरी टीम का उत्साह बढ़ गया.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो बातें हैं. एक 100 दिन का एजेंडा, और दूसरा मैं ये नहीं चाहता कि कोई अच्छी चीज आ जाएगी तो देख लेंगे. जी नहीं. सरकार मुझे चलाना है. मुझे कुछ चीजों को बदलना है. इसलिए 2014 में मैंने 100 दिन के लिए सोचा. 5 साल के लिए मेरे पास मैनिफेस्टो था. 2019 में मैंने ग्लोबल चित्र की तरफ ध्यान आकर्षित किया. अब 2024 के लिए मेरी सोच थोड़ी लंबी है. देश में करीब 20 लाख से ज्यादा लोगों से मैंने इनपुट लिए हैं और मैं उनके आधार पर 2047 का एक विजन डॉक्यूमेंट बना रहा हूं. 

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मैंने चुनावों का ऐलान होने से एक महीने पहले सभी सचिवों की एक बड़ी समिट की थी. मैंने तब कहा कि यह 2047 का विजन है, मुझे उसमें 5 साल की प्राथमिकताएं बताएं. उसके आधार पर 5 साल का मैप बनाया. फिर मैंने उसमें से 100 दिन की प्राथमिकताएं निकालीं. फिर मैंने तय किया कि मेरी पहली प्राथमिकता ये होगी, ये दूसरी होगी. अफसरों ने इस पर काम शुरू कर दिया है, हालांकि मेरा उनके साथ बैठना अभी बाकी है. मैं समय निकालकर बैठूंगा. मेरे मन में काम करते-करते नया विचार आया है कि मैं जब 100 दिन के एजेंडे के बारे में सोच रहा था, अभी मैं 125 दिन के बारे में सोचने पर मजबूर हो गया हूं और मैं उत्साहित भी हो गया हूं. मैं इस पूरे कैंपेन में फर्स्ट टाइम वोटर का उत्साह देख रहा हूं. मैं शायद आजकल में घोषणा करने वाला हूं कि मैं अब 125 दिन पर काम करना चाहता हूं. 100  दिन का मैंने प्लान कर लिया है. मैं 25 दिन और जोड़ना चाहता हूं. इन 25 दिनों को पूरी तरह यूथ पर फोकस करना चाहता हूं कि आप मुझे आइडिया दीजिए. मुझे अपनी प्रायोरिटी बताइए, जिसके लिए मैं 25 दिन पूरी तरह से डेडिकेट करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि मैं 100 दिन को आगे बढ़ा रहा हूं, सवा सौ दिन के एजेंडे पर काम करूंगा.

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