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तमिलनाडु में राहुल गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- केंद्र में तूफान आने वाला है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन के साथ पश्चिमी शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया, "नरेंद्र मोदी और अडाणी की नीतियों ने दो भारत बनाए हैं. एक अरबपतियों का भारत और दूसरा गरीबों का भारत."

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार वास्तव में "अडानी सरकार" है और विश्वास जताया कि लोकसभा चुनावों में INDIA ब्लॉक की जीत के साथ केंद्र में भाजपा शासन खत्म हो जाएगा. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन के साथ पश्चिमी शहर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने दावा किया, "नरेंद्र मोदी और अडाणी की नीतियों ने दो भारत बनाए हैं. एक अरबपतियों का भारत और दूसरा गरीबों का भारत."

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कांग्रेस नेता ने डीएमके प्रमुख को बड़े भाई के रूप में संबोधित किया और कहा कि वह कभी भी किसी अन्य राजनेता को अपने भाई के रूप में संबोधित नहीं करते हैं. स्टालिन ने कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र को 'चुनावी नायक' बताया और राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अपनी यात्राओं के माध्यम से उन्होंने लोगों की समस्याओं को जाना और अपनी पार्टी का घोषणापत्र लेकर आए. उन्होंने कहा, कांग्रेस का घोषणापत्र द्रमुक द्वारा समर्थित सामाजिक न्याय को दर्शाता है.

पीटीआई के मुताबिक इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि तूफान आने वाला है, नरेंद्र मोदी सत्ता से बेदखल होने वाले हैं. मोदी सरकार वास्तव में अडानी सरकार है, इसे अडानी सरकार कहा जाना चाहिए, न कि नरेंद्र मोदी सरकार. चाहे एयरपोर्ट हो, हाईवे हो, कोई इन्फ्रा प्रोजेक्ट हो, किसी तरह भारत सरकार इसे अडानी को दे देती है. यह कहते हुए कि चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और अब कोई सामान्य चुनाव नहीं है, राहुल ने कहा कि देश के सभी लोगों के अधिकार, उनके इतिहास, भाषाएं और उनके जीवन जीने का तरीका संविधान द्वारा संरक्षित है. संविधान कोई साधारण पुस्तक नहीं है, यह आत्मा है, यह भारत के लोगों की आवाज़ है. उस आत्मा और उस आवाज़ पर प्रधानमंत्री और आरएसएस द्वारा हमला किया जा रहा है.

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गांधी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी के सांसदों ने खुले तौर पर कहा है कि अगर वे केंद्र में सत्ता में बने रहे तो वे संविधान बदल देंगे. उन्होंने कहा कि भारत की संस्थाएं उसके सभी लोगों की हैं और वे आरएसएस की नहीं हैं. विश्वविद्यालयों के अधिकांश कुलपति आरएसएस से आते हैं और नौकरशाही और कानूनी प्रणाली में आरएसएस की घुसपैठ है जो हमारे राष्ट्र के मूल विचार पर हमला है.

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