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जाति समीकरण, खर्च करने की क्षमता...जानिए राजस्थान में कांग्रेस ने कैसे फाइनल किए 6 सीटों के टिकट

राजस्थान में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर दी है जिसमें 6 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इसमें 5 उम्मीदवार कांग्रेस के हैं जबकि एक सीट सीपीआई-एम के लिए छोड़ी गई है, जिस पर पार्टी बाद में उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी.

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सुनील शर्मा, संगीता बेनीवाल, उम्मेदराम बेनीवाल और कुलदीप इंदौरा
सुनील शर्मा, संगीता बेनीवाल, उम्मेदराम बेनीवाल और कुलदीप इंदौरा

कांग्रेस ने गुरुवार को राजस्थान लोकसभा चुनाव के लिए छह सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया जिसमें से 5 पर कांग्रेस लड़ रही है और एक बार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. कांग्रेस ने इसमें जाति, खर्च करने की क्षमता और किसी तरह की गुटबाजी ना हो, इसको ध्यान में रखते हुए टिकट बांटा है. तो आइए जानते हैं इन 6 सीटों का समीकरण-

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1.जयपुर - सुनील शर्मा

सुनील शर्मा पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं. शहर के ज्ञानविहार यूनिवर्सिटी के मालिक है. जयपुर लोक सभा ब्राह्मण बहुल है. यहां पर कांग्रेस और BJP ब्राह्मण और वैसे चेहरों पर ही दांव लगाती रही है. पिछली दो बार से BJP के ब्राह्मण उम्मीदवार रामचंद्र वोहरा चुनाव जीत रहे हैं. इस बार BJP ने अभी तक यहां अपना पत्ता नहीं खोला है. पिछली बार कांग्रेस ने एक सीट पर वैसी ही उम्मीदवार ज्योति खंडेलवाल को उतारा था जो विधानसभा चुनाव से पहले ही BJP का दामन थाम चुकी हैं. उससे पहले कांग्रेस ब्राह्मण चेहरे महेश जोशी को चुनाव लगाती थी. 

सुनील शर्मा को टिकट देने के पीछे असल मकसद था कि पार्टी के अंदर जो गुटबंदी है उसे ख़त्म किया जाए. इनके नाम पर विधायक और कार्यकर्ता आपस में नहीं लड़ेंगे. हालांकि संगठन कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आधार तिवारी को टिकट देना चाह रही थी मगर अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा ने सचिन पायलट के क़रीबी सुनील शर्मा पर दांव खेला. सुनील शर्मा को टिकट दिए जाने के पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के पास पैसा नहीं है. सुनील शर्मा काफ़ी पैसे वाले हैं और अपने संसाधन लगाकर चुनाव लड़ सकते हैं जबकि आर तिवारी गरीब कार्यकर्ता हैं. महेश जोशी का नाम विवादों में होने की वजह से कट गया.

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2.बाड़मेर- जैसलमेर—उम्मेदाराम बेनीवाल

तीन दिन पहले ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदाराम बेनीवाल को बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है .जाट जाति के उम्मेदाराम बेनिवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के बेहद ख़ास माने जाते थे .इस बार बायतु विधानसभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी के सामने चुनाव लड़े थे और महज़ 800 वोटों से चुनाव हार गए थे .इसके पहले भी 2018 में ढाई हज़ार वोटों से चुनाव हारे थे.इस बार हरीश चौधरी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल से बदला ले लिया और अपने सबसे ख़तरनाक राजनैतिक दुश्मन का पाला बदलवाकर कांग्रेस में ले आए और लोकसभा का टिकट दिलवा दिया. उम्मेदराम बेनीवाल के सामने BJP ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को फिर से मैदान में उतारा है.

3.पाली— संगीता बेनीवाल

कांग्रेस ने जोधपुर में सक्रिय राजस्थान बाल आयोग की पूर्व अध्यक्ष संगीता बेनिवाल को जोधपुर संभाग की पाली सीट से मैदान में उतारा है. अशोक गहलोत खेमे की मानी आती है .संगीता बेनिवाल और काफ़ी समय से टिकट मांग रही थी. संगीता बेनिवाल जाट हैं वहीं BJP ने सिरवी समुदाय से आने वाले PP चौधरी को फिर से टिकट दिया है. पाली BJP की परंपरागत सीट मानी जाती है विधानसभा चुनावों में भी ज़्यादातर सीटें BJP ने जीती है.

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4.सीकर- माकपा

राजस्थान में सीकर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है मगर आश्चर्यजनक रूप से राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने इलाके की लोक सभा सीट सीकर को मार्क्सवादी कॉम्यूनिस्ट पार्टी को गठबंधन में दे दी है .इस बार माना जा रहा है कि सीपीएम से अमरा राम चुनाव लड़ सकते हैं. माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस उन्हें सीकर सीट से चुनाव लड़ा सकती है लिहाज़ा उन्होंने मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी को यह सीट गठबंधन में देने की सिफ़ारिश कर दी .यहां पर कांग्रेस के युवा नेता सीता राम लाम्बा टिकट मांग रहे थे .राजस्थान विधानसभा चुनाव में सीकर लोकसभा की 7 विधानसभा चुनाव में से 5 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

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5.श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़——कुलदीप इंदौरा

श्री गंगा नगर हनुमानगढ़ लोक सभा सीट एसी समुदाय के लिए आरक्षित है .यहा पर कांग्रेस ने अपने जिलाध्यक्ष कुलदीप इंदौरा को टिकट दिया है. इन्दौरा सचिन पायलट के क़रीबी माने जाते हैं ,युवा नेता हैं और इनके पिता इस इलाक़े में क़द्दावर नेता माने जाते थे जो जनता पार्टी के लहर में भी चुनाव जीते थे. पिछले 6 बार से कांग्रेस यह सीट हार रही है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल लगातार यहां से चुनाव जीत रहे हैं मगर BJP ने अब तक इनका टिकट होल्ड कर रखा है और ऐसा माना जा रहा है इस बार यहां BJP बदलाव कर सकती है.

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6.झालावाड़-बारां

कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पुराने चेहरे पर दांव लगाया है. गहलोत सरकार में ख़ान मंत्री रहे प्रमोट जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन भाया को कांग्रेस ने टिकट दिया है. वह पहले भी इस सीट पर कांग्रेस से चुनाव लड़ चुकी है. प्रमोद जैन भाया इस बार विधानसभा चुनाव में अंता से चुनाव हार गए थे .इस हार की वजह वह वसुंधरा राजे को मानते हैं क्योंकि वसुंधरा राजे ने झालावाड़ से ले जाकर अपने सहयोगी कंवरलाल मीणा को अंता सीट से BJP के टिकट पर चुनाव में उतारा और जितवा दिया था. प्रमोद जैन भाया कभी सचिन पायलट के क़रीबी हुआ करते थे मगर बाद में गुट बदल कर अशोक गहलोत के क़रीबी हो गए थे.

झालावाड़ बारां सेठ परंपरागत रूप से BJP का गढ़ माना जाता है जहां पर BJP ने वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. इससे पहले वसुंधरा राजे यहां से चुनाव जीतती रही हैं. चुनाव प्रचार में वसुंधरा राजे जुटी हुई है. भाया पैसे वाले माने जाते हैं और माना जा रहा है कि चुनाव का ख़र्चा वो खुद उठा सकते हैं.

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