सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी शिकायत की है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे अपने पत्र में एडवोकेट आनंद एस जोंधाले ने प्रधानमंत्री मोदी पर हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों के साथ-साथ सिख गुरुओं और सिख पूजा स्थलों के नाम पर मतदाताओं से अपनी पार्टी को वोट देने की अपील करने का आरोप लगाया है और कहा है कि ऐसा करके वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं.
एडवोकेट आनंद एस जोंधाले ने ईसीआई को लिखे अपने शिकायती पत्र में कहा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत में एक जनसभा के दौरान अपने भाषण में कहा कि उन्होंने राम मंदिर का निर्माण करवाया. पीएम ने यह भी दावा किया कि उन्होंने करतारपुर साहिब कॉरिडोर का विकास करवाया और लंगर में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों पर से जीएसटी हटवाया. प्रधानमंत्री ने ग्ररुग्रंथ साहिब को अफगानिस्तान से सुरक्षित भारत ले आने की बात भी अपने भाषण में कही.'
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आनंद एस जोंधाले ने आगे लिखा है, 'इस प्रकार, नरेंद्र मोदी ने नियम सामान्य आचरण-1(1) और (3) के तहत दिए गए निर्देशों के खंड-III में उल्लिखित आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जिससे मौजूदा मतभेदों को बढ़ावा मिले या नफरत पैदा हो, धार्मिक या भाषाई आधार पर विभिन्न जातियों या समुदायों के बीच तनाव पैदा हो. इसमें आगे कहा गया है कि वोट हासिल करने के लिए जाति या समुदाय विशेष से अपील नहीं की जाएगी. मस्जिद, चर्च, मंदिर या अन्य पूजा स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के दौरान नहीं किया जाएगा.'
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सुप्रीम कोर्ट के वकील ने अपने शिकायती पत्र में कहा है, 'पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से पीलीभीत में अपने भाषण के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और इस तरह भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत अपराध किया है. इस आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अयोग्यता का प्रावधान है.' आनंद एस जोंधाले ने ईसीआई से पीएम नमोदी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत एफआईआर दर्ज करने और उन्हें तत्काल प्रभाव से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 6 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की है.