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अमेठी, रायबरेली सहित देश की वो VVIP लोकसभा सीटें, जहां अब तक घोषित नहीं हुए उम्मीदवार

लोकसभा चुनाव के रण में दूसरे चरण का नामांकन अब अंतिम दौर में है, लेकिन कई सीटें ऐसी भी हैं जहां राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर सकी हैं. यूपी की अमेठी और रायबरेली समेत कई सीटें ऐसी हैं, जहां पक्ष या विपक्ष या फिर दोनों ने ही अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. 

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राहुल गांधी और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

मौसम पर चुनावी रंग अब पूरी तरह से चढ़ चुका है. पहले चरण की सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है तो वहीं कई सीटें ऐसी भी हैं जहां पक्ष या विपक्ष या फिर दोनों ने ही अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसी सीटों की फेहरिश्त में रायबरेली, अमेठी जैसी वीवीआईपी सीटें भी हैं. उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी सीट पर कांग्रेस अब तक उम्मीदवार तय नहीं कर सकी है तो वहीं रायबरेली में ग्रैंड ओल्ड पार्टी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. 

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अमेठी

अमेठी लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टिकट दिया है. स्मृति ने अमेठी में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है लेकिन कांग्रेस की ओर से कौन आएगा, इस पर अभी सस्पेंस है. 2019 तक राहुल गांधी कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से मैदान में उतरते आए हैं लेकिन इस बार उनके एक ही सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है. राहुल 2019 में अमेठी से चुनाव हार गए थे. राहुल ने तब अमेठी के साथ केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था जहां से उनको जीत मिली थी. राहुल इस बार भी वायनाड से मैदान में हैं. 

रायबरेली

साल 2019 में कांग्रेस 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में एक सीट पर सिमट गई थी और वह सीट थी रायबरेली. रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद निर्वाचित हुई थीं. सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह अब राजस्थान से राज्यसभा जा चुकी हैं. ऐसे में रायबरेली से कांग्रेस के टिकट पर किसी नए चेहरे का उतरना तय है. गांधी परिवार का गढ़ रही इस सीट से चर्चा प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के नाम की भी होती रही है. कांग्रेस या बीजेपी, दोनों ही दलों ने इस सीट पर अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं.  

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कैसरगंज

उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं. पहलवानों ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली में धरना-प्रदर्शन भी किया था. विवादों में रहे बृजभूषण की सीट पर भी बीजेपी ने अभी तक टिकट का ऐलान नहीं किया है. विपक्षी गठबंधन की बात करें तो इस सीट से सपा को उम्मीदवार उतारना है. सपा ने भी अभी इस सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. 

इलाहाबाद

इलाहाबाद सीट से 2019 में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी को जीत मिली थी. बीजेपी के साथ ही विपक्षी गठबंधन से कांग्रेस ने भी अभी तक यह ऐलान नहीं किया है कि इस बार कौन उनका उम्मीदवार होगा? चर्चा है कि बीजेपी इस बार किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है तो वहीं सपा के टिकट पर सांसद रह चुके रेवतीरमण सिंह के बेटे के कांग्रेस से मैदान में उतरने के कयास हैं. फिलहाल, स्थिति यह है कि सत्तापक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही पक्ष के उम्मीदवारों पर सस्पेंस है.

फूलपुर

फूलपुर लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर कांशीराम और छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्रा तक चुनाव लड़ चुके हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या भी इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस सीट पर भी पक्ष-विपक्ष ने अब तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है.

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नासिक

महाराष्ट्र की नासिक लोकसभा सीट से 2019 में शिवसेना के हेमंत गोडसे चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. गोडसे, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सांसद हैं. सत्ताधारी गठबंधन की ओर से इस सीट पर बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार) भी दावेदारी कर रहे हैं. इस सीट से एनसीपी (अजित पवार) के नेता छगन भुजबल के नाम की भी चर्चा है. फिलहाल, इस सीट पर किस पार्टी का कौन सा नेता चुनावी रणभूमि में उतरेगा? इसे लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.

मंडी

मंडी लोकसभा सीट से फिलहाल हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सांसद हैं. बीजेपी  ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस से प्रतिभा ही मैदान में उतरेंगी या कोई और चेहरा? इसे लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है.

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आनंदपुर साहिब

पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता मनीष तिवारी सांसद हैं. इस सीट से न तो कांग्रेस ने उम्मीदवार का ऐलान किया है, ना ही आम आदमी पार्टी या बीजेपी-शिरोमणि अकाली दल ने अपने पत्ते खोले हैं.

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बांसवाड़ा

बीजेपी ने 2019 में राजस्थान की 25 में से 24 सीटें जीती थीं. इनमें बांसवाड़ा सीट भी शामिल थी. बांसवाड़ा सीट पर नामांकन के लिए अब एक दिन का ही समय बचा है और कांग्रेस इस सीट पर उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है.

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