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हरियाणाः 'जाटलैंड' में फिर खिलेगा 'कमल' या खत्म होगा कांग्रेस का सूखा?

हरियाणा की सियासत लंबे समय तक चौटाला और हुड्डा परिवार के इर्द-गिर्द रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह प्रदेश बीजेपी का गढ़ बनकर उभरा है. 2019 में बीजेपी ने हरियाणा में क्लीन स्वीप किया था.

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भूपिंदर सिंह हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो)
भूपिंदर सिंह हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा की सीमाएं उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, दक्षिण और पश्चिम में राजस्थान से लगती हैं. यह प्रदेश कभी पंजाब का हिस्सा हुआ करता था. 1966 में हरियाणा देश के 17वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. हरियाणा की सियासत चौटाला और हुड्डा, लंबे समय तक दो प्रभावशाली परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रही है.

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पिछले कुछ साल में यह प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मजबूत गढ़ के रूप में उभरा है. हरियाणा में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं. इनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और फरीदाबाद लोकसभा सीटें शामिल हैं.

किस सीट पर किसका मुकाबला

हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से बीजेपी ने बंतो कटारिया और कांग्रेस ने वरुण चौधरी को टिकट दिया है. इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने इस सीट से सरदार गुरप्रीत सिंह सहोटा और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने किरण पुनिया पर दांव लगाया है. कुरुक्षेत्र सीट से बीजेपी ने उद्योगपति नवीन जिंदल, आम आदमी पार्टी ने सुशील गुप्ता और आईएनएलडी ने अभय चौटालाको टिकट दिया है. जेजेपी से पालाराम सैनी भी मैदान में हैं.

सिरसा से बीजेपी ने अशोक तंवर को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने कुमारी शैलजा पर दांव लगाया है.जेजेपी ने रमेश खटक और आईएनएलडी ने संदीप लोट वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया है. हिसार सीट से बीजेपी ने चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला को उम्मीदवार बनाया है. रणजीत का मुकाबला आईएनएलडी की सुनैना चौटाला और जेजेपी उम्मीदवार नैना चौटाला से है. सुनैना और नैना, दोनों ही उम्मीदवार बीजेपी कैंडिडेट रणजीत चौटाला की रिश्ते में बहू लगती हैं.

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खट्टर के सामने बुद्धिराजा और कादियान

करनाल में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर के सामने कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा, जेजेपी के देवेंद्र कादियान, आईएनएलडी समर्थित एनसीपी उम्मीदवार मराठा वीरेंद्र वर्मा की चुनौती है. 'हरियाणा का जाटलैंड' सोनीपत सीट पर बीजेपी के मोहनलाल बड़ौली के सामने कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी, जेजेपी के भूपेंद्र सिंह मलिक और आईएनएलडी के अनूप सिंह की चुनौती है. रोहतक से बीजेपी के सीटिंग सांसद अरविंद कुमार शर्मा, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा, जेजेपी के रविंद्र सांगवान मैदान में हैं.

राव इंद्रजीत के सामने राज बब्बर और फाजिलपुरिया

भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से बीजेपी सांसद धर्मवीर सिंह के सामने कांग्रेस के राव दान सिंह, जेजेपी के बहादुर सिंह और आईएनएलडी-जनलोक पार्टी के साझा उम्मीदवार सुभाष परमार की चुनौती है. दिल्ली से सटी गुरुग्राम सीट से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मैदान में हैं. पांच बार के सांसद राव इंद्रजीत के सामने कांग्रेस ने अभिनेता से नेता बने राज बब्बर, जेजेपी ने गायन से सियासत में आए राहुल यादव फाजिलपुरिया और आईएनएलडी ने सोहराब खान को उम्मीदवार बनाया है. पावभाजी बेचने वाले कुशेश्वर भगत भी इस सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.

फरीदाबाद सीट से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. कृष्णपाल 2014 और 2019 में भी इसी सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे और जीते थे. कांग्रेस ने इस सीट से महेंद्र प्रताप सिंह, आईएनएलडी ने सुनील तेवतिया और जेजेपी ने नलिन हुड्डा को टिकट दिया है. 

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कैसे रहे थे 2019 के नतीजे

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा में क्लीन स्वीप किया था. बीजेपी को तब 58 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी ने सभी 10 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को 28.4 फीसदी वोट मिले थे लेकिन पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. आईएनएलडी का वोट शेयर 1.9 फीसदी रहा था और अन्य को भी 11.7 फीसदी वोट मिले थे.

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