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बहुत लोग नहीं जानते कौन हैं तेज प्रताप? कन्नौज से अखिलेश यादव के चुनाव न लड़ने पर भाजपा के लिए राह आसान, ग्राउंड रिपोर्ट  

चुनाव को लेकर कन्‍नौज में राय मिली-जुली है, लेकिन कई लोगों का दावा है कि यह चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है. उनका कहना है कि सुब्रत ने कुछ नहीं किया है लेकिन पीएम मोदी का चेहरा बीजेपी के लिए वोट जुटाएगा. तेज प्रताप यादव के सपा उम्मीदवार के रूप में होने की जानकारी कई लोगों को नहीं है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

कन्नौज को इत्र की राजधानी कहा जाता है. यह समाजवादी पार्टी का पारंपरिक गढ़ रहा है. कन्नौज में भाजपा और सपा के बीच कड़ी टक्कर है. लंबे समय तक कन्नौज प्रत्याशी के रूप में अखिलेश यादव का नाम सामने था, लेकिन अचानक सपा ने अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से सपा प्रत्याशी घोषित कर दिया. इस कदम से कन्नौज में सपा कार्यकर्ता निराश और काफी परेशान हैं, लेकिन पार्टी के फैसले का सम्मान करते हुए वे पार्टी के पक्ष में परिणाम के लिए आशान्वित हैं.

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क्या है स्थानीय लोगों की राय?
कन्नौज में क्या है जमीनी हालात ये जानने के लिए हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की. जाने-माने इत्र व्यापारी बउवन तिवारी ने दावा किया कि कारोबार में गिरावट आई है, वह कहते हैं कि तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट इंटरनेशनल परफ्यूम म्यूजियम और पार्क (जिसे अब इत्र पार्क कहा जाता है) राजनीति के कारण बर्बाद हो गया है. जानकारी प्राप्त करने के लिए आजतक शहर से लगभग 17 किलोमीटर दूर उसी परियोजना स्थान पर पहुंचा, लेकिन वहां काम को लेकर कुछ नजर नहीं आया.

इत्र पार्क को लेकर राजनीति
पार्क का प्रस्ताव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रखा था. 2014 में उन्होंने कन्नौज के इत्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक सामान्य सुविधा इत्र पार्क की घोषणा की थी. दो साल बाद सपा के कार्यकाल में 12 अप्रैल 2016 को परियोजना का शिलान्यास किया गया. पिछली सरकार में जिस इत्र पार्क को 100 एकड़ भूमि में बनाने की योजना थी, उसे अब घटाकर 33 एकड़ कर दिया गया है. विपक्ष कई मौकों पर इस मुद्दे पर मुखर रहा है. 

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क्या है जमीनी हकीकत
सूत्रों के अनुसार 2017 के बाद शायद ही कोई काम हुआ और 2022 के विधानसभा चुनावों के आसपास एक बार फिर राज्य सरकार हरकत में आई और प्रस्तावित संग्रहालय को इत्र पार्क में बदलने का फैसला किया और काम शुरू किया. हालांकि, एक विद्युत इकाई और दीवार पर कुछ चित्रों के अलावा संग्रहालय स्थान पर बस एक बंजर भूमि है.
पिछली सरकार द्वारा किया गया एक और काम किसान बाज़ार, संसाधनों की बर्बादी का एक और उदाहरण है, जिसमें प्रशासन द्वारा किसानों और व्यापारियों को लाने के लिए शायद ही कोई प्रबंधन किया गया हो.

इत्र कन्नौज के कारोबार की रीढ़ है. आजतक एक व्यापारी श्याम जी गुप्ता की फैक्ट्री में गया. वे बताते हैं कि फैक्ट्रियों में इत्र का उत्पादन कैसे होता है. हालांकि, श्याम गुप्ता इत्र कारोबार में गिरावट को लेकर काफी चिंतित हैं और सरकार से इस पर 18 फीसदी टैक्स कटौती को घटाकर 12 फीसदी करने का आग्रह कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर अखिलेश यहां से नहीं लड़ेंगे तो बीजेपी को बढ़त है, उनका दावा है कि तेज प्रताप के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते.

कन्नौज की संकरी गलियां इत्र और इत्र की दुकानों का केंद्र हैं. आजतक ने इत्र राजधानी के चुनावी मूड को जानने के लिए तंग गलियों में जाकर इत्र व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की.

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टैक्स में छूट की मांग
आज तक के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने दावा किया कि कन्नौज अब सपा का गढ़ नहीं रहा. सुब्रत कहते हैं, 'मैं चाहता था कि अखिलेश कन्नौज से लड़ें, क्योंकि तेज प्रताप के आने से अब चुनाव में कोई दम नहीं बचा है.' पाठक ने अधूरी परियोजनाओं और अपने वायरल वीडियो के बारे में सपा द्वारा किए गए सभी दावों को खारिज कर दिया. सुब्रत का कहना है कि वह व्यापारियों के लिए कर में छूट के बारे में सरकार से बात कर रहे हैं.

हालांकि, चुनाव को लेकर कन्‍नौज में राय मिली-जुली है, लेकिन कई लोगों का दावा है कि यह चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है. उनका कहना है कि सुब्रत ने कुछ नहीं किया है लेकिन पीएम मोदी का चेहरा बीजेपी के लिए वोट जुटाएगा. तेज प्रताप यादव के सपा उम्मीदवार के रूप में होने की जानकारी कई लोगों को नहीं है.

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