सूरत लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नीलेश कुंभानी अब भी मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं. उन पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा भाजपा के इशारे पर काम करने और करोड़ों रुपये लेने के आरोप लग रहे हैं. इस बीच कुंभानी की पत्नी नीता ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में कई बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि ना तो नीलेश ने भाजपा से करोड़ों रुपये लिये हैं और ना ही वह कभी भाजपा में शामिल होंगे. वह कानूनी लड़ाई के लिए अपने वकील के साथ अहमदाबाद गए हैं और मेरे संपर्क में हैं.
नीता कुंभानी ने कहा कि सूरत लोकसभा सीट पर जो कुछ हुआ वह भाजपा के संपर्क में रहने वाले कांग्रेसी नेताओं की कारस्तानी है. उन्हीं नेताओं के द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि नीलेश बीजेपी में शामिल हो गए हैं. नीलेश की पत्नी ने कहा, 'मैं परिवार के बच्चों के लिए सामान लेने गई थी. तभी कुछ लोग मेरे घर पर आकर नौटंकी कर रहे थे. नीलेश घर छोड़कर चले गए हैं यह अफवाह फैलाई गई. वह अपने परिवार के साथ घर पर ही हैं. कांग्रेस पार्टी के कुछ लोग ही बीजेपी से पैसे लेकर अफवाह फैला रहे हैं.'
नीलेश कुंभानी कभी भाजपा में नहीं जाएंगे: पत्नी नीता
नीता कुंभानी ने कहा कि नीलेश पहले से बीजेपी के संपर्क में थे इसमें कोई सच्चाई नहीं है. अगर ऐसा होता तो वह खुद ही अपना नामांकन वापस ले लेते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. प्रस्तावकों की ओर से जो भी कहा गया, वह बीजेपी के इशारे पर कहा गया. जांच होगी तो सब पता चल जाएगा. नीलेश कभी भाजपा में नहीं जाएंगे. वह कितनी बार चुनाव हारे हैं, फिर भी जनता के बीच से नहीं गए. समाज की सेवा करते रहे हैं. इसी वजह से कांग्रेस पार्टी ने उन पर भरोसा करके टिकट दिया था.'
नीलेश कुंभानी की पत्नी ने कहा, 'मेरा रहन-सहन देखकर आपको लगता है कि पैसे लेने की बातें सही हो सकती हैं? नामांकन पत्र के साथ जो एफिडेविट दिया जाता है, उसमें सबकुछ लिखा जाता है. नीलेश के पास क्या कुछ है उसमें दर्ज है. दिनेश सांवलिया जो कांग्रेस के नेता हैं, उनकी पत्नी हमारे संपर्क में थीं. उन्होंने कहा कि हम आपके घर आ रहे हैं. तब हम घर पर नहीं थे. वह आईं तो ताला लगा हुआ था. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि नीलेश कुंभानी अपने परिवार के साथ घर छोड़कर चले गए हैं.'
उम्मीदवारी रद्द करवाने के पीछे भाजपा की साजिश
प्रस्तावकों के एफिडेविट को लेकर नीता ने कहा कि वे किसी तरह के प्रेशर में होंगे तभी ऐसा किया. नीलेश को उन पर भरोसा था, तभी उनको प्रस्तावक बनाया था. नीता ने कहा कि भाजपा ने हार के डर की वजह से ऐसा किया है, क्योंकि सूरत से कांग्रेस की जीत होने वाली थी. नीलेश का उम्मीदवारी पत्र रद्द करवाने के पीछे भाजपा की साजिश थी. बता दें कि सूरत में कांग्रेस के मुख्य और वैकल्पिक दोनों प्रत्याशियों के नामांकन रद्द होने के बाद, अन्य उम्मीदवारों ने नॉमिनेशन वापस ले लिया था और बीजेपी के मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद चुने गए थे.