लोकसभा चुनाव का संग्राम शुरू होने वाला है. इसे लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनावी विसात बिछाने लगी हैं. नेताओं की सत्ता के शिखर तक पहुंचने की चाहत तभी पूरी होगी जब जनता उन पर भरोसा जताएगी. लेकिन जनता के मन में क्या है. इसका पता लगाने के लिए आजतक के खास शो 'वंदे भारत' में टीम 142 किलोमीटर का सफर तय करके तेलंगाना के सिकंदराबाद से वरंगल पहुंची. तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटों पर कड़ी टक्कर है.
तेलंगाना के सियासी समीकरण की बात करें तो सबसे पहले जिक्र करते हैं 2023 में हुए विधानसभा चुनावों का. कांग्रेस ने 9 साल से सत्ता में काबिज केसीआर को बेदखल कर दिया. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई. अब उन्हीं के कंधों पर कांग्रेस को लोकसभा में जीत दिलाने की जिम्मेदारी है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीआरएस को 9, बीजेपी को 4, कांग्रेस को 3 और AIMIM को महज 1 सीट पर ही संतोष करना पड़ा था.
2024 के आम चुनाव में बीजेपी जब 370 सीटों के अपने टारगेट पर काम कर रही है, तब आजतक की टीम वरंगल को वोटर्स का मूड समझने पहुंची. वरंगल सीट पर 16 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जहां हिंदुओं की आबादी 93.2 फीसदी है, जबकि मुस्लिम आबादी 5.62 फीसदी है. इस सीट पर फिलहाल टीआरएस का कब्जा है, जो अब बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति बन चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में वरंगल से भारत राष्ट्र समिति के दयाकर पसुनूरी ने कांग्रेस के दोम्माति सांबैया को 3.50 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था.
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