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कौन हैं रुचि वीरा, जिसे सपा ने मुरादाबाद का उम्मीदवार बनाकर सिटिंग सांसद एसटी हसन के अरमानों पर फेरा पानी

उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव रोचक हो गया है. यहां से समाजवादी पार्टी से रुचि वीरा ने नामांकन किया है. इससे पहले पार्टी ने सिटिंग सांसद एसटी हसन को टिकट दिया था और उन्होंने एक दिन पहले नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया था. बाद में पार्टी ने हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को कैंडिडेट बना दिया.

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सपा ने एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है.
सपा ने एसटी हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया है.

लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले मुरादाबाद में सियासी माहौल गरमा गया है. समाजवादी पार्टी ने 24 घंटे में दो टिकट देकर अंदरखाने विरोध और नाराजगी को बढ़ा दिया है. सपा ने पहले सिटिंग सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया. उन्होंने मंगलवार को नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया. इस बीच, अचानक हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा (62 साल) को नया उम्मीदवार बनाने का फैसला ले लिया. बुधवार को रुचि वीरा ने भी नामांकन कर दिया. टिकट फेरबदल के घटनाक्रम से मुरादाबाद में दिनभर उथल-पुथल देखने को मिली. आइए जानते हैं कौन हैं रुचि वीरा?

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रुचि वीरा का जन्म 2 सितंबर 1961 को हुआ. वे मूलरूप से बिजनौर की रहने वाली हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सपा से की और बिजनौर से विधायक चुनी गईं. रुचि वीरा ने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री हासिल की है. रुचि वीरा के पास 25 करोड़ रुपये की संपति है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया था, उसमें करीब 25 करोड़ 86 लाख रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया था.

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परिवार में कौन-कौन है?

रुचि वीरा के परिवार में उनके पति और बेटी हैं. साल 2014 में बिजनौर सीट से विधायक कुंवर भारतेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव जीते तो यह सीट खाली हो गई. उपचुनाव में बिजनौर से रुचि वीरा ने जीत दर्ज की और पहली बार विधायक बन गईं. वे 2017 तक एमएलए रहीं. उसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सपा ने बाहर कर दिया. उसके बाद उन्‍होंने बसपा जॉइन कर ली. 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने रुचि को बिजनौर से प्रत्‍याशी बनाया. हालांकि उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा. 2023 में बसपा ने भी रुचि वीरा को पार्टी से निष्कासित कर दिया. बाद में सपा में उनकी घर वापसी हुई.

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पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते चर्चा में रहीं रुचि

रुचि वीरा को सपा और बसपा दोनों ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया है. कहा जाता है कि बसपा से निष्कासित होने के बाद सपा में उनकी एंट्री वरिष्ठ नेता आजम खान की पैरवी के बाद हो पाई थी. उनकी गिनती अब आजम खान के करीबी नेताओं में होने लगी. लोकसभा चुनाव में भी रुचि वीरा को आजम खान का पसंदीदा बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन को नामांकन के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेनी पड़ी है. आजम खान ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुरादाबाद से एसटी हसन को हटाकर रुचि वीरा को टिकट देने का दबाव बनाया था. अखिलेश यादव ज्यादा देर तक आजम खान का दबाव नहीं झेल पाए. मंगलवार रात होते-होते उन्होंने एसटी हसन का टिकट काट दिया. आजम खान की चहेती पूर्व विधायक रुचि वीरा को मुरादाबाद से लोकसभा का टिकट दे दिया.

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नाराज एसटी हसन बोले- अखिलेश बताएं क्यों काटा टिकट

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एसटी हसन ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि वह अब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नहीं होंगे. वह अपना पर्चा वापस लेंगे. माना जा रहा है कि आजम खान के कड़े विरोध के बाद सपा को अपना फैसला बदलना पड़ा. एसटी हसन ने कहा कि जब एक बार टिकट दे चुके थे तो कोई कारण तो नहीं था. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ही बेहतर बता पाएंगे कि टिकट क्यों काटा गया है. सपा नेता ने कहा कि अखिलेश पार्टी के नेता हैं, जिसको चाहें लड़ाएं, जिसको चाहें ना लड़ाएं.

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