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'पिता बेहोश होकर ICU पहुंचे लेकिन इंजेक्शन लेने की शर्त रख दी कि कांग्रेस का टिकट लौटाओ, इसलिए मैं हट गया...,' गुजरात के नेता रोहन गुप्ता की आई सफाई

गुजरात में कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता के पिता राजकुमार गुप्ता ने 2004 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर अहमदाबाद सीट से लड़ा था. हालांकि, बाद में यह सीट अहमदाबाद पूर्व और अहमदाबाद पश्चिम में बंट गई. रोहन के मुताबिक, उनके पिता नहीं चाहते कि मुझे वो अनुभव मिले, जो उन्होंने 20 साल पहले चुनावी मैदान में झेला है.

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गुजरात में कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है.
गुजरात में कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है.

कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता ने दावा किया है कि उन्होंने अपने पिता के आग्रह पर अहमदाबाद (पूर्व) लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है. गुप्ता ने इसके पीछे बड़ा खुलासा भी किया है. रोहन गुप्ता का दावा है कि मेरे पिता को पैनिक अटैक आया था और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया. लेकिन वहां उन्होंने आईसीयू में शिफ्ट होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब तक कि मेरी बात नहीं मानोगे, तब तक इलाज नहीं करवाएंगे. रोहन का कहना है कि मैं अपने पिता के आग्रह पर चुनाव मैदान से हट गया.

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बताते चलें कि रोहन के पिता राजकुमार गुप्ता ने 2004 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर अहमदाबाद सीट से लड़ा था. हालांकि, बाद में यह सीट अहमदाबाद पूर्व और अहमदाबाद पश्चिम में बंट गई. रोहन के मुताबिक, उनके पिता नहीं चाहते कि मुझे वो अनुभव मिले, जो उन्होंने 20 साल पहले चुनावी मैदान में झेला है.

'चुनाव लड़ने के फैसले से खुश नहीं थे पिता'

रोहन ने मंगलवार रात पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा, मेरे पिता चुनाव लड़ने के फैसले से खुश नहीं थे. मुझ पर दबाव डालने के लिए उन्होंने कुछ दिन पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और पार्टी से अपने दशकों पुराने रिश्ते भी तोड़ दिए. रोहन ने दावा किया, मेरे पिता बेहोश हो गए और उन्हें आईसीयू में ले जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने इंजेक्शन लेने की एक शर्त रख दी. पिता ने मुझसे लिखित में देने को कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ने की उनकी इच्छा का पालन करूंगा. हालांकि, रोहन ने इस बात पर चुप्पी साधे रखी कि उनके पिता खुश क्यों नहीं थे कि बेटा चुनाव ना लड़े.

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'बीजेपी ने अहमदाबाद पूर्व सीट से हसमुख को उतारा'

2004 के चुनाव में राजकुमार गुप्ता को बीजेपी के हरिन पाठक ने 77,000 वोटों के अंतर से हराया था. रोहन 2022 से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं और हाल ही में पार्टी ने उन्हें अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से बीजेपी के हसमुख पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा था.

'पिता की तबीयत ठीक नहीं, इसलिए पीछे हटे'

इस बीच, सोमवार देर रात रोहन ने घोषणा की कि वो अपने पिता की गंभीर मेडिकल स्थिति के कारण चुनावी मैदान से हट गए हैं. रोहन ने कहा, मेरे पिता की 15 साल पहले बाईपास सर्जरी हुई थी. सोमवार को बेहोश होने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा, मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गया था. क्योंकि मैं हमेशा पार्टी को पहले रखने में विश्वास करता हूं, लेकिन मेरे पिता इस फैसले से सहमत नहीं थे. रोहन ने कहा, मैंने चुनावी तैयारी भी शुरू कर दी थी. 100 सदस्यीय टीम बनाई है और उन्हें 20 मार्च को एक सार्वजनिक रैली भी आयोजित करनी थी.

'मैं गुजरात को एक संदेश देना चाहता था'

उन्होंने कहा, मैं 23 मार्च को अपना चुनाव कार्यालय खोलना चाहता था और घर-घर अभियान के लिए रूपरेखा भी तैयार करना चाहता था. पिछले सप्ताह मैं इस सब में बिजी रहा और एक संदेश देना चाहता था कि उचित प्रबंधन के साथ कोई चुनाव कैसे लड़ सकता है. हर कोई जानता है कि यह एक कठिन सीट है. मैं इसे अपनी पूरी ताकत से लड़ना और पूरे गुजरात के लिए एक संदेश भेजना चाहता था.

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'पिता प्राथमिकता में हैं'

रोहन के अनुसार, चुनाव लड़ने का फैसला उनके पिता को पसंद नहीं आया. उन्हें पैनिक अटैक आया और उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया. जब पिता ने पार्टी से इस्तीफा दिया तो मेरे सभी दोस्तों ने उनसे मिलने और उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की. मैंने उन्हें फोन किया और एक बार फिर उनसे मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति देने का अनुरोध किया. क्योंकि किसी भी अन्य चीज से ज्यादा पिता प्राथमिकता में हैं.

'मेरे लिए फैसला लेना कठिन था'

उन्होंने कहा, प्रलोभन हो या राजनीति... जब बात अपने पिता की आती है तो हर चीज को दूर कर दिया जाता है. मैं एक पारिवारिक व्यक्ति हूं और मेरे लिए परिवार सबसे पहले आता है. रोहन ने दावा किया कि मैंने आईसीयू वैन और इमरजेंसी रूम में अपने पिता को समझाने की कोशिश की लेकिन असफल रहा. कांग्रेस नेता ने कहा, यह मेरे लिए बहुत कठिन फैसला है, लेकिन अगर मेरे पिता को कुछ हो जाता तो मैं खुद को माफ नहीं कर पाता.

'पार्टी के लिए झटका है रोहन का फैसला'

वहीं, गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, रोहन गुप्ता का चुनाव मैदान से अचानक हटने का फैसला पार्टी के लिए 'चौंकाने वाला' रहा, क्योंकि उन्होंने फैसले की घोषणा करने से पहले स्थानीय नेतृत्व से सलाह नहीं ली थी. दोशी ने कहा, रोहन गुप्ता का फैसला पार्टी के लिए एक झटका था. हमने उन पर भरोसा किया और उन्हें इतना बड़ा मौका दिया. हजारों योग्य पार्टी कार्यकर्ताओं में से एक को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलता है. हम निराश हैं क्योंकि उन्होंने निर्णय लेने से पहले नेतृत्व या पार्टी से नहीं पूछा. 

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गुजरात में 26 लोकसभा सीटें हैं. इस बार आम चुनाव में इंडिया ब्लॉक में शामिल एक सीट भरूच आम आदमी पार्टी को दी गई है. जबकि 25 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे. कांग्रेस अब तक सात उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है.
 

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