scorecardresearch
 
Advertisement

हुगली लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 (Hooghly Lok Sabha Election 2024)

चुनाव 2024 के उम्मीदवार

  • नाम
    पार्टी
    वोट
  • WON

    Rachna Banerjee

    AITC

    702744
  • LOST

    Locket Chatterjee

    BJP

    625891
  • LOST

    Manadip Ghosh

    CPM

    139919
  • LOST

    Nota

    NOTA

    13352
  • LOST

    Surajit Hembram

    IND

    9268
  • LOST

    Samim Ali Mollick

    IND

    6567
  • LOST

    Jamini Bhar

    BSP

    4718
  • LOST

    Ajanta Sarkar

    BHNJD

    3639
  • LOST

    Sk Kamaluddin

    IND

    2766
  • LOST

    Sanchita Bera

    IND

    2649
  • LOST

    Paban Mazumder

    SUCI

    2380
  • LOST

    Pradip Pal

    BNARP

    2220
  • LOST

    Mrinal Kanti Das

    IND

    1398
loader-gif

हुगली जिला पश्चिम बंगाल के जिलों में से एक है. इस जिले का नाम हुगली नदी के नाम पर रखा गया है. यह पश्चिम बंगाल के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. जिले का मुख्यालय हुगली-चिनसुराह (चुंचुरा) में है. इसके चार उपविभाग हैं- चिनसुराह सदर, श्रीरामपुर, चंदननगर, और आरामबाग.

हुगली शहर उपनिवेशीकरण से पहले भारत में व्यापार के लिए एक प्रमुख नदी बंदरगाह था. भुरशुट के बंगाली साम्राज्य के हिस्से के रूप में जिले में हजारों साल की समृद्ध विरासत अभी भी मौजूद हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार हुगली जिले की जनसंख्या 5,519,145 है. 

हुगली पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक आर्थिक रूप से विकसित जिलों में से एक है. यह राज्य में मुख्य जूट खेती, जूट उद्योग और जूट व्यापार केंद्र है.

1952 में जब पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी तब भी यहां से कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं जीता था. 1952 में एचएमएस के एनसी चटर्जी जीते थे, उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था. 1957 और 1962 में सीपीआई के प्रोवत कार जीते थे. 1967 में सीट पर सीपीएम ने कब्जा कर लिया और सीपीएम के बीके मोदक सांसद चुने गए थे. 1977 में भी सीपीएम के बीके मोदक दोबारा सांसद चुने गए थे.

1980 में सीपीएम के रूपचंद पाल विजयी हुए. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में सहानुभूति की लहर चल रही थी तो यह क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा और 1984 के चुनाव में कांग्रेस की इंदुमती भट्टाचार्य यहां से चुनाव जीती थी. इसके बाद सीपीएम ने फिर वापसी की और 1989 में रूपचंद पाल सांसद चुने गए. 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक सीपीएम के उम्मीदवार के तौर रूपचंद पाल यहां से सांसद चुने जाते रहे. 2009 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की डॉग रत्ना डे ने 6 बार से सांसद रहे सीपीएम के दिग्गज नेता को हरा दिया था. 

2019 का जनादेश

बीजेपी के लॉकेट चटर्जी 6,71,448 वोटों से जीते
तृणमूल कांग्रेस डॉ. रत्ना डे 5,98,086 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे 
सीपीआई (एम) के प्रदीप साहा 1,21,588 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे

2014 का जनादेश

2009 में ही ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस एक तरह से सीपीएम के विकल्प के रूप में पहचान बना चुकी थी. पार्टी ने संसद की कई सीटें जीती थीं और कई जगहों पर दूसरे स्थान पर रही थी, लेकिन 2014 के चुनाव में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने सीपीएम को एकदम किनारे लगा दिया.

और पढ़ें
छोटा करें
Advertisement
2019
2014
WINNER

Locket Chatterjee

img
BJP
वोट6,71,448
विजेता पार्टी का वोट %46.1 %
जीत अंतर %5.1 %

अन्य उम्मीदवार

  • नाम
    पार्टी
    वोट
  • Dr. Ratna De (nag)

    AITC

    5,98,086
  • Pradip Saha

    CPIM

    1,21,588
  • Pratul Chandra Saha

    INC

    25,374
  • Nota

    NOTA

    13,525
  • Bhaskar Ghosh

    SUCI(C)

    8,082
  • Sajal Adhikari

    CPI(ML)(L)

    8,012
  • Vijay Kumar Mahato

    BSP

    5,138
  • Noor Hossain Mondal

    IND

    3,509
  • Dulal Ch. Hembram

    IND

    3,080
Advertisement
Advertisement
Advertisement