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'कांग्रेस को न मिले एक भी वोट, तो BJP बूथ अध्यक्ष को दूंगा 51 हजार,' इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय का खुला ऑफर

बीजेपी महासचिव और इंदौर-1 सीट से उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, जिस पोलिंग बूथ पर कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिलेगा, उस पोलिंग बूथ के अध्यक्ष (बीजेपी) को 51 हजार रुपए दूंगा. एक भी वोट नहीं मिलेगा तो... आप सब प्रयास करिए कि यहां से कांग्रेस को वोट नहीं मिले. कांग्रेस ने यहां पर कोई काम नहीं किए हैं.

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BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय. (फाइल फोटो)
BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान एक बार फिर चर्चा में है. विजयवर्गीय ने पोलिंग बूथ पर कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिलने पर बीजेपी के संबंधित 'बूथ अध्यक्ष' को 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी को आशीर्वाद दीजिए और कांग्रेस को इस बार वार्ड से एक भी वोट नहीं मिलना चाहिए, इसलिए मैंने इनाम की घोषणा की है.

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बता दें कि बीजेपी ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-I सीट से उम्मीदवार बनाया है. विजयवर्गीय पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और इंदौर समेत अन्य सीटों से 6 बार विधायक चुने गए हैं. इस बार पार्टी ने जब से एमएलए का टिकट दिया है, तब से उनके बयानों अक्सर सुर्खियों में आ रहे हैं. इससे पहले उन्होंने खुद को टिकट मिलने पर हैरानी जताई थी और खुद को 'बड़ा नेता' बताया था. बाद में उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच कहा था कि पार्टी ने अगर टिकट दिया है तो कुछ 'बड़ा' सोचा होगा.

'कांग्रेस ने इलाके में कोई काम नहीं किया'

गुरुवार को कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के वार्ड नंबर 7 में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया. यहां विजयवर्गीय ने कहा, हम उस बूथ अध्यक्ष को 51,000 रुपये का इनाम देंगे, जहां कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिलेगा. किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, हमारे प्रतिद्वंद्वी ने यह कहते हुए करीब दो लाख साड़ियां बांटी हैं कि इलाके के लोग उनका परिवार हैं. उन्होंने कहा, मैं इसमें नहीं जाना चाहता, लेकिन वार्ड के लोग अच्छे हैं और वे यह सुनिश्चित करेंगे कि उसे (कांग्रेस) यहां कोई वोट नहीं मिलेगा क्योंकि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया है.

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'विश्वास नहीं हो रहा है मुझे टिकट दिया है'

हाल ही में बीजेपी से टिकट मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में कहा था, मेरी चुनाव लड़ने की 'एक प्रतिशत भी इच्छा' नहीं थी. मुझे यही लग रहा था कि चुनाव प्रचार करेंगे. अब 'बड़े नेता' बन गए हैं. रोजाना 8 सभाएं करने का प्लान बनाया था. पांच हेलिकॉप्टर से और तीन कार से. लेकिन, जो सोचते हैं, वो सच कहां होता है. भगवान की इच्छा थी कि मैं चुनाव लड़ूं और एक बार फिर जनता के बीच जाऊं. यही वजह है कि पार्टी ने टिकट दे दिया. 

जानिए कैलाश विजयवर्गीय के बारे में

बीजेपी ने कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से टिकट दिया है. विजयवर्गीय 2015 के बाद प्रदेश की राजनीति में सक्रिय देखे जा रहे हैं. विजयवर्गीय 1990 से लगातार 6 बार विधायक चुने गए हैं. वो लगातार 12 साल तक मंत्री रहे. 2003 में सबसे पहले उमा भारती, फिर बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए. कैलाश ने साल 1990 में इंदौर की चार नंबर विधानसभा सीट से टिकट लड़ा और जीत हासिल की. उसके बाद 1993, 1998 और 2003 में अपने गृह क्षेत्र दो नंबर सीट से विधायक रहे. संगठन ने 2008 और 2013 में विजयवर्गीय को महू विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने इस चुनौती को स्वीकारा और जीत हासिल की. कैलाश ने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. 2018 में उनके बेटे आकाश इंदौर-3 सीट से चुनाव जीते थे.

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