मतदान के बाद अब मध्य प्रदेश में मतगणना का इंतजार किया जा रहा है, जो 3 दिसंबर को होनी है. इस बीच अब कांग्रेस पार्टी अपने उस बयान से पलट गई है, जिसमें उसने बालाघाट जिले के कलेक्टर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक्शन लेने की मांग की थी. पार्टी ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इसके लिए एक पत्र भी लिखा था.
कांग्रेस ने अपने पत्र में स्ट्रांग रूम से डाक मतपत्र बाहर ले जाने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था, जिससे अब पार्टी पीछे हट गई है. एक वीडियो जारी कर कांग्रेस शहर इकाई के अध्यक्ष शफकत खान ने कहा है कि एक कंफ्यूजन के कारण यह मुद्दा बन गया था. लेकिन अब उनकी पार्टी चुनाव अधिकारियों से स्पष्टीकरण मिलने के बाद संतुष्ट है.
स्थानीय नेता प्रक्रिया से संतुष्ट
बता दें कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) अनुपम राजन ने इन आरोपों से पहले ही इनकार कर दिया था. राजन ने यह भी कहा था कि स्थानीय कांग्रेस नेता प्रक्रिया से संतुष्ट हैं. राजन ने एजेंसी को बताया था कि कांग्रेस एवं बीजेपी के अधिकृत एजेंटों की मौजूदगी में ही डाक मतपत्र को स्ट्रांग रूम से निकालकर विधानसभावार अलग किया गया था.
निलंबित करने की मांग
मुख्य चुनाव अधिकारी ने आगे कहा कि डाक मतपत्रों को बक्सों में रखा गया था. बैहर के 429, लांझी के 553, परसवाड़ा के 452, बालाघाट के 1308, वारासिवनी के 391 और कटंगी के 126 सर्विस वोटों को अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में अलग किया गया. हालांकि, मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रदेश के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों को कोषागार कक्ष से बाहर ले जाया गया और उन कर्मचारियों को सौंप दिया जो इच्छा के मुताबिक इसे संभाल रहे थे. इसलिए, डाक मतपत्रों से छेड़छाड़ होने की पूरी संभावना है. धनोपिया ने बालाघाट कलेक्टर गिरीश चंद्र मिश्रा और इस प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग भी की.
तहसील कार्यालय में बना स्टॉन्ग रूम
कांग्रेस के हमले के बाद कलेक्टरेट के जनसंपर्क विभाग ने बयान जारी कर कहा था कि स्थानीय तहसील कार्यालय में स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है. यहां आने वाले डाक मतपत्रों को अलग करने के लिए पार्टियों के अधिकृत मतदान एजेंटों की उपस्थिति में खोला गया. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के मुताबिक कई जिलों से इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीबीपीएस) के माध्यम से आने वाले मतपत्रों को स्ट्रॉन्ग रूम खोलने के बाद हर दिन दोपहर 3 बजे विधानसभावार अलग किया जाता है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक डाक मतपत्रों को सावधानीपूर्वक बंडलों में रखा जाता है. कलेक्टर ने आगे कहा कि किसी ने इस प्रक्रिया का वीडियो शूट किया और भ्रम पैदा करने के लिए इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. एक अधिकारी के मुताबिक मामले को गंभीरता से लेते हुए संभागीय आयुक्त ने प्रक्रिया के संचालन में लापरवाही के लिए सोमवार शाम नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित कर दिया.