मध्य प्रदेश के आलोट विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व सांसद और विधायक प्रेमचंद गुड्डू ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. गुरुवार को नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन उन्होंने मुकाबले से अपना नाम वापस नहीं लिया था. गुड्डू, आलोट के विधायक और उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं.
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आलोट से कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक मनोज चावला को टिकट दिया है, जबकि भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चिंतामणि मालवीय मैदान में हैं. मालवीय उज्जैन-आलोट लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं.
विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के नाम वापस लेने का 2 नवंबर को आखिरी दिन था, लेकिन आलोट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर चुके गुड्डू ने कदम पीछे खींचने से इनकार कर दिया था. गुड्डू ने दावा किया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया.
गुड्डू ने टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर सीधा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का अपने-अपने बेटों और उनके चाटुकारों को बढ़ावा देने पर ध्यान है.
प्रेमचंद गुड्डू साल 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद रोज पहले अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा के पाले में चले गये थे. हालांकि, मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद उन्होंने नवंबर 2020 में इंदौर जिले के सांवेर से उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में वापसी कर ली थी. इस उपचुनाव में गुड्डू को भाजपा उम्मीदवार तुलसीराम सिलावट के हाथों 53,264 वोट से हार का सामना करना पड़ा था.