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तीन केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसदों को विधानसभा का टिकट... MP में बीजेपी की दूसरी लिस्ट के सियासी संदेश

MP विधानसभा चुनाव के 39 उम्मीदवारों में बीजेपी ने 7 सांसदों को जिनमें कि तीन केंद्रीय मंत्री भी हैं और पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव को तक मैदान में उतारा है. इस दूसरी लिस्ट में 7 कद्दावर उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें राष्ट्रीय राजनीति से सीधे अब बीजेपी ने विधानसभा में लड़ने के लिए भेज दिया है. 

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भाजपा ने जारी की दूसरी सूची
भाजपा ने जारी की दूसरी सूची

चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में आज भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी. ये बीजेपी का मध्य प्रदेश में दूसरा प्रयोग है. कुछ राजनीतिक जानकार इसे दबाव की राजनीति भी बता रहे हैं. दरअसल विधानसभा चुनाव के 39 उम्मीदवारों में बीजेपी ने 7 सांसदों को जिनमें कि तीन केंद्रीय मंत्री भी हैं और पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव को तक मैदान में उतारा है. इस दूसरी लिस्ट में 7 कद्दावर उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें राष्ट्रीय राजनीति से सीधे अब बीजेपी ने विधानसभा में लड़ने के लिए भेज दिया है. 

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इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं, जिन्हें दिमनी से टिकट दिया गया है. केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल हैं, जिन्हें नरसिंहपुर से टिकट मिला है. राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते हैं, इन्हें निवास से उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम से विधायकी का टिकट, सीधी की सांसद रीति पाठक को सीधी से उम्मीदवार बनाया गया है. सतना के सांसद गणेश सिंह, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उतार दिया है. 

विजयवर्गीय के बेटे को नहीं मिलेगा टिकट!

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी इंदौर-1 से उम्मीदवार बनाया हैं. कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने के बाद अब उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने की संभावना नहीं है. सूत्रों की मानें तो आकाश विजयवर्गीय के बैट कांड के बाद से ही बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व आकाश से नाराज चल रहा था.

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3 केंद्रीय मंत्री, कुल 7 सांसद, महासचिव तक मैदान में 

नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री 

प्रहलाद पटेल, मंत्री 

फग्गन सिंह कुलस्ते, मंत्री 

राकेश सिंह, सांसद 

रीति पाठक, सांसद 

गणेश सिंह, सांसद 

उदय प्रताप सिंह, सांसद  

कैलाश विजयवर्गीय, महासचिव 

7 सांसदों को मौका

इन नेताओं को उतारने के क्या मायने?

जिन तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों को पार्टी ने मध्य प्रदेश के चुनावी समर में उतारा हैं, उसके पीछे कई कारण हैं. अव्वल तो ये कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत जमीनी पकड़ रखते हैं. जैसे नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर, गुना और मुरैना में प्रभावी हैं. गणेश सिंह सतना, राकेश सिंह अपने क्षेत्र जबलपुर, उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद, रीति पाठक सीधी क्षेत्र में प्रभावशाली नेता हैं. जो अपनी विधानसभा के अलावा आसपास की कई विधानसभा सीटो को प्रभावित कर पार्टी की झोली में सीटो की संख्या को बढ़ा सकती हैं.

इससे पहले बीजेपी ने बंगाल और त्रिपुरा में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाने का प्रयोग किया था. बंगाल में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, सांसद लॉकेट चटर्जी, सांसद निशित प्रामाणिक, सांसद जगन्नाथ सरकार, राज्यसभा सांसद स्वप्न दास गुप्ता को विधानसभा चुनाव लड़वाया था. त्रिपुरा में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा था.

ऐसे वक्त में आई भाजपा की लिस्ट

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भाजपा की यह लिस्ट ऐसे समय में आई है जब पीएम मोदी ने सोमवार को ही भोपाल में एक जनसभा को संबोधित किया. इस सभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की जहां-जहां सरकार बनी, वहां इन्होंने सिर्फ लूटा है. राज्यों को बर्बाद कर दिया. अगर आपने एमपी में इन्हें मौका दिया. तो ये (कांग्रेस) यही हाल एमपी में करेंगे.

'हार को सामने देख...'

लेकिन इस लिस्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ विवादित ट्वीट किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, 'हार को सामने देख कर रावण ने कुंभकर्ण, अहिरावण, मेघनाद सबको उतार दिया था…बस यही दूसरी लिस्ट में हुआ है.'

कांग्रेस का ट्वीट

कई बड़े नेता लगातार कर रहे राज्य का दौरा

इस दूसरी लिस्ट के सामने आने के बाद यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा इन मंत्रियों और सांसदों को अब केंद्रीय कैबिनेट में रखने के मूड में नहीं है. इसके अलावा चुनाव नजदीक देख सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता लगातार मध्य प्रदेश के दौरे कर रहे हैं. बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा, आशीर्वाद सभाओं के जरिए मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी है. इसे लेकर भी कहा जा रहा है कि राज्य में भाजपा की स्थिति कुछ खास ठीक नहीं है. 

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भाजपा का नारा, अबकी बार 150 पार 

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा 'अबकी बार 150 पार' (150 से अधिक सीटों पर जीत) का नारा लेकर आई है. इस लिस्ट सोमवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेगा मीटिंग से पहले भोपाल मोदी के बड़े-बड़े कट-आउट से पट गया है. जगह-जगह बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के पोस्टर भी लगाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के एमपी चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय मंत्री और एमपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र तोमर, राज्य भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा और अन्य शीर्ष नेताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ व्यस्त रोशनपुरा चौक को सजाया और उस स्थान पर पार्टी के झंडे लगाए.

कांग्रेस निकाल रही जन आक्रोश यात्रा 

रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्रियों और अन्य नेताओं ने मैदान में जाकर तैयारियों की समीक्षा की. जन आशीर्वाद (लोगों का आशीर्वाद) यात्रा के साथ, भाजपा ने चौहान सरकार के तहत विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला है. जैसे-जैसे आगामी चुनावों के लिए नैरेटिव सेट करने की लड़ाई तेज होती जा रही है, कांग्रेस भी भाजपा सरकार की "विफलताओं" पर निशाना साधने के लिए 'जन आक्रोश यात्रा' कर रही है. 2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा सत्ता में नहीं आ सकी थी, क्योंकि कांग्रेस ने 230 में से 114 सीटें जीत लीं, जबकि बीजेपी 109 पर सिमट गई थी.

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पहली सूची से भाजपा ने क्या साधा?

इससे कुछ दिनों पहले भी भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इस सूची की खास बात यह देखी गई थी कि पहली बार में बीजेपी ने जो सूची जारी की थी वो उन जगहों की थी जहां पार्टी को 2018 में हार का सामना करना पड़ा था. इस सूची में कई पुराने चेहरों के साथ नए लोगों को मौका दिया गया.

अन्य राज्यों में यही फॉर्मूला अपनाएगी भाजपा!

खबर तो है कि बीजेपी छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले के तहत केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है. वहीं तेलंगाना में भी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और तीनों सांसदों संजय बंदी, अरविंद धर्मपुरिया, सोयम बाबू राव समेत राजेंद्र इटेला को भी विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ करने को मैदान में उतारा जा सकता है.

राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति

एमपी में फिलहाल बीजेपी की सरकार है और कांग्रेस विपक्ष में बैठी हुई है. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में हैं. अभी तक एमपी में कुल 78 सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. एमपी में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं.

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2018 में हार गई थी बीजेपी 

कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, 15 महीने बाद यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई, जब अब केंद्रीय मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों का एक समूह भगवा पार्टी में शामिल हो गया, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की वापसी का मार्ग दोबारा खुल गया था.

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