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मध्य प्रदेश की मैहर सीट से विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही बीजेपी को अलविदा कह दिया है. अलग पार्टी बनाकर चर्चा में आए त्रिपाठी के अब कांग्रेस में जाने की अटकलें लगने लगी हैं.
नारायण त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी से विधायकी का सफर शुरू किया था. फिर कांग्रेस का हाथ थामा और दूसरी बार विधायक बने.
इसके बाद साल 2015 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट से लड़े और जीते. फिर 2018 के विधानसभा चुनाव में दोबारा बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे.
विधायक त्रिपाठी पिछले 2-3 साल से लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे थे और अलग विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर हमलावर थे.
इस बार के चुनाव में बीजेपी ने नारायण त्रिपाठी का टिकट काटकर मैहर से श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दिया है. जिन्हें सिंधिया समर्थक कहा जाता है.
बीजेपी की लिस्ट में मैहर से सिंधिया समर्थक श्रीकांत चतुर्वेदी का नाम घोषित होने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि नारायण त्रिपाठी कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं.
बीजेपी को एक और झटका
सागर के नरयावली विधानसभा से बीजेपी के दावेदार पूर्व जिला पंचायत सदस्य अरविंद तोमर ने भी बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे में लिखा, 'निरंतर उपेक्षा करने के कारण आज मैं भाजपा द्वारा दिए गए सभी दायित्व एवं प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.' अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि अरविंद तोमर नरयावली विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं.