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'अंग्रेजों के मित्र सिंधिया' लिखने वालीं सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम पर कांग्रेस ने किया अवॉर्ड का वादा, चुनाव से पहले फिर छेड़ा कवयित्री का जिक्र

MP Assemble Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सुविख्यात कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम से एक पुरस्कार देने का ऐलान किया है. यह पुरस्कार महिला पत्रकार को दिया जाएगा. छह महीने के भीतर यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस ने सुभद्रा कुमारी चौहान का जिक्र छेड़ा है. 

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बाएं से कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया. (बीच में सुभद्रा कुमारी चौहान की तस्वीर)
बाएं से कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया. (बीच में सुभद्रा कुमारी चौहान की तस्वीर)

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया. 106 पन्नों के घोषणापत्र में सूबे की जनता से 59 लोक-लुभावने वादे किए गए हैं. खास बात यह है कि कांग्रेस ने अपने इस वचन पत्र में सुविख्यात कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम से एक पुरस्कार देने का ऐलान किया है. छह महीने के भीतर यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस ने सुभद्रा कुमारी चौहान का जिक्र छेड़ा है. 

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दरअसल, सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी कविता 'झांसी की रानी' में ग्वालियर के सिंधिया राजवंश को अंग्रेजों का मित्र बताया था. इसी के चलते सिंधिया राजवंश पर 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई से गद्दारी करने के आरोप लगते रहते हैं. खास बात यह है कि सिंधिया परिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब ये आरोप बीजेपी के नेता लगाते थे और अब कांग्रेसी. क्योंकि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के नेता हैं. 

सिंधिया और जयराम में छिड़ चुका 'युद्ध'

इसी साल अप्रैल माह में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ट्विटर (अब X) पर एक वाकयुद्ध छिड़ा था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंधिया की ओर से कांग्रेस को लेकर सख्त टिप्पणी किए जाने पर भड़के पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख कर दावा किया कि सिंधिया राजघराने ने झांसी की रानी के साथ विश्वासघात किया था. 

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रमेश ने सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना 'झांसी की रानी' का एक अंश ट्वीट कर लिखा था, ''अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.''

सिंधिया ने कहा था- कविताएं कम और इतिहास ज्यादा पढ़ें

इस पर सिंधिया ने चुप न बैठते हुए रिप्लाई दिया, ''कविताएं कम और इतिहास ज़्यादा पढ़ें. जवाहरलाल नेहरू की किताब, 'ग्लिम्पसेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री' में कहा गया है: इस प्रकार उन्होंने (मराठों ने) दिल्ली साम्राज्य को जीता. मराठा ब्रिटिश वर्चस्व को चुनौती देने के लिए बने रहे. लेकिन मराठा शक्ति ग्वालियर के महादजी सिंधिया की मृत्यु के बाद टुकड़े-टुकड़े हो गई.''

इसके बाद रमेश ने एक और ट्वीट किया, 'इतिहास की कोई किताब उठा लीजिए. 1857 में झांसी की रानी के साथ गद्दारी के मुद्दे पर सभी इतिहासकार एकमत हैं. आपके नए भगवान सावरकर ने भी अपनी किताब ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और अन्य लोगों के साथ सिंधिया की गद्दारी का जिक्र किया है. इतिहास आप पढ़िए.''

फिर सिंधिया ने कहा, ''कभी 1857 के वीर शहीद तात्या टोपे के वंशज पराग टोपे की ख़ुद की लिखी किताब 'ऑपरेशन रेड लोटस' पढ़िए. ज्ञात हो जाएगा कि किस प्रकार हम मराठे- सिंधिया, पेशवा और झांसी के नेवालकर अंग्रेजों के विरुद्ध एक साथ थे. मराठा आज भी एक हैं. कृपया यह 'विभाजनकारी' राजनीति बंद करें.'

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मतलब दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर ट्विटर वॉर चला था. मगर अब अचानक से मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सुभद्रा कुमारी चौहान का जिक्र कर सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी है. 

महिला पत्रकार को सम्मान राशि 2 लाख रुपए 

अपने वचन पत्र के 57वें बिंदु (पत्रकार एवं मीडिया कल्याण) के आखिरी नंबर पर कांग्रेस ने वादा किया है कि राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर सुभद्रा कुमारी चौहान पत्रकारिता सम्मान प्रारंभ कर महिला पत्रकारों को सम्मानित करेंगे और सम्मान स्वरूप 2 लाख रुपए देंगे. 

कांग्रेस के घोषणा पत्र का पेज नंबर 104.

पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी की कमान संभाल रहे कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत तमाम नेताओं की मौजूदगी में यह घोषणा पत्र जारी किया. 

इसको लेकर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी का कहना है कि प्रदेश में पहले से ही पत्रकारिता के क्षेत्र में पुरस्कार दिए जाने की परंपरा रही है. पहले से ही राज्य में मामा माणिकचन्द्र वाजपेयी, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र माथुर, विद्यानिवास मिश्र, सत्यनारायण श्रीवास्तव, शरद जोशी, राहुल बापुते के नाम पर सम्मान दिए जाते हैं. चूंकि मध्य प्रदेश के साहित्य और पत्रकारिता का इतिहास काफी समृद्ध रहा है, इसलिए प्रदेश के विख्यात साहित्यकारों, कवियों और पत्रकारों के नाम पर सरकार पुरस्कार बांटती है. लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र में सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम जिक्र सिंधिया घराने को 1857 की क्रांति के दौरान की गई गद्दारी जताना हो सकता है.    

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मध्य प्रदेश कांग्रेस और कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा, सुभद्रा कुमारी चौहान वरिष्ठ कवयित्री थीं. उनका मध्य प्रदेश से गहरा नाता था. राज्य की नामी गिरामी साहित्यकार होने के नाते ही कांग्रेस ने उनके नाम पर महिला पत्रकार को सम्मान स्वरूप 2 लाख रुपए राशि देने का वचन दिया है.

जानिए सुभद्रा कुमारी चौहान को

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म  16 अगस्त 1904 को उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के पास निहालपुर गांव में हुआ था. उनकी पहली कविता महज  9 साल की उम्र में ही प्रकाशित हो गई थी. उनकी हिंदी कविता 'झांसी की रानी' बहुत मशहूर है. सुभद्रा राष्ट्रीय चेतना की एक सजग लेखिका रही हैं. उनका विवाह मध्य प्रदेश के खंडवा में ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ हुआ. पति के संग ही सुभद्रा स्वाधीनता संग्राम में कई बार जेल गईं और अंग्रेजों के कारागार की यातनाएं सहने के बाद उन्होंने अपनी अनुभूतियों को कविताओं में भी व्यक्त किया है. सुभद्रा कुमारी चौहान का देहांत 15 फरवरी, 1948 को 44 साल की उम्र में ही हो गया.  

सुभद्रा कुमारी चौहान बहाना, सिंधिया निशाना!

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पुरस्कार का नाम कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति ने किसी मंशा के तहत ही सुभद्रा कुमारी चौहान के नाम पर रखा है. विदित हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से ज्योतिरादित्य सिंधिया की तल्खी किसी से छिपी नहीं है.

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साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने और कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह कड़वाहट इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि सिंधिया ने कांग्रेस से बागवत कर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनवा दी थी. 

गौरतलब है कि सिंधिया की नाराजगी उन्हें दरकिनार कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर चल रही थी. इसी बीच, उस दौरान सिंधिया ने शिक्षकों के समर्थकों में कमलनाथ सरकार को चेतावनी दी थी कि वादे पूरे नहीं किए गए तो वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर जाएंगे. इस पर सीएम कमलनाथ ने मीडिया के हवाले से दो टूक कह दिया था, 'तो उतर जाएं...' 

इसी के बाद सिंधिया ने अपने तीखे तेवर दिखाए और मार्च 2020 में सूबे की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को गिरा दिया. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों की मदद से प्रदेश में बीजेपी की सरकार का गठन करवाया. बीजेपी आलाकमान ने इसके एवज में राज्यसभा के रास्ते संसद में भेजा और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.

कांग्रेस के घोषणा पत्र की खास बातें:-   

मध्य प्रदेश कांग्रेस चीफ कमलनाथ ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, हम प्रदेश के सभी लोगों के लिए 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करेंगे, जिसमें 10 लाख रुपये का दुर्घटना कवर भी होगा. 

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मध्य प्रदेश में राज्य की एक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीम भी होगी. नाथ ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने और महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह की सहायता देने की भी घोषणा की.

उन्होंने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने, स्कूली शिक्षा मुफ्त करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और युवाओं को दो साल तक 1,500 रुपये से 3,000 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया. बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को होने हैं. नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.

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