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'अब बुलाने पर भी नहीं जाऊंगी...', जन आशीर्वाद यात्रा का निमंत्रण न मिलने पर छलका उमा भारती का दर्द

एमपी में बीजेपी जनता के बीच सरकार की उपलब्धियां पहुंचाने के लिए जन संपर्क यात्रा निकाल रही है. मगर इस यात्रा में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को आमंत्रण तक नहीं दिया गया है. भोपाल में एक कार्यक्रम में पहुंची उमा भारती से जब इसे लेकर सवाल किया गया, तो उनका दर्द छलक गया.

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उमा भारती (फाइल फोटो)
उमा भारती (फाइल फोटो)

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती पार्टी द्वारा निकाली जा रही 'जन आशीर्वाद यात्रा' का निमंत्रण न मिलने से नाराज हैं. उमा भारती ने कहा, BJP की जन आशीर्वाद यात्रा का निमंत्रण उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अब अगर निमंत्रण मिलता भी है, तब भी वे यात्रा में शामिल नहीं होंगी.  

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दरअसल, एमपी में बीजेपी जनता के बीच सरकार की उपलब्धियां पहुंचाने के लिए जन संपर्क यात्रा निकाल रही है. मगर इस यात्रा में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को आमंत्रण तक नहीं दिया गया है. भोपाल में एक कार्यक्रम में पहुंची उमा भारती से जब इसे लेकर सवाल किया गया, तो उनका दर्द छलक गया. उन्होंने कहा, मुझे यात्रा में कहीं भी नहीं बुलाया गया. इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, हां लेकिन मेरे मन में एक सवाल जरूर आता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अगर उनकी सरकार बनवाई तो मैंने भी एक सरकार बनाकर दी थी. 2020 उपचुनाव के दौरान मुझे कोरोना हुआ था. 11 दिन ही हुए थे. पार्टी के नेताओं की अपील पर मैं चुनाव प्रचार में उतरी थी. बीजेपी को जीत मिलनी ही थी. लेकिन मेरी वजह से सीट में जरूर इजाफा हुआ है. 

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'इन लोगों को डर लगता है'

उमा भारती ने कहा, 'मुझे यात्रा में नहीं जाना था, क्योंकि इन लोगों को यह डर लगता है कि अगर मैं वहां पहुंच जाऊंगी तो लोगों का सारा ध्यान मेरी तरफ होगा. मुझे नहीं जाना था, कम से कम निमंत्रण देने की औपचारिकता तो पूरी करनी चाहिए थी.''

उमा भारती ने इसके बाद ट्वीट कर कहा, मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के प्रारंभ में निमंत्रण नहीं मिला. यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती. हां अब यदि मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊंगी, न प्रारंभ में ना 25 सितंबर के समापन समारोह में. 

सीएम शिवराज के कहने पर जाऊंगी प्रचार में- उमा भारती

उमा भारती ने कहा, ''मेरे मन में शिवराज जी के प्रति सम्मान और उनके मन में मेरे प्रति स्नेह की डोर अटूट और मजबूत है. शिवराज जब और जहां मुझे चुनाव प्रचार करने के लिए कहेंगे, मैं उनका मान रखते हुए उनकी बात मानकर चुनाव प्रचार कर सकती हूं. जिनके खून पसीने से यह भाजपा बनी है मैं उन लोगों में से हूं. पार्टी का कभी नुकसान नहीं करूंगी. 

सरकारी अस्पताल को लेकर कही ये बात 

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उमा भारती ने आगे लिखा, मेरी वह तीसरी बात जो मैंने कल कही यह किसी ठेस या आक्रोश से नहीं निकली. जब भोपाल के बंसल अस्पताल में मेरे चेकअप हुए और तब मैंने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में जमीन-आसमान का अंतर पाया. सरकारी और निजी शिक्षा में भी यही अंतर है और तभी से मैंने कहना शुरू किया हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिए और सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ने को भेजना चाहिए. तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पाएगा. यह एक अभियान का स्वरूप ले लेगा. 

उमा भारती ने शादियों में फिजूल खर्ची और नेताओं के 5 स्टार होटलों में रुकना भी गलत बताया. उन्होंने कहा, पीएम मोदी इस तरह की जीवनशैली को सख्त नापसंद करते हैं. मैं आगे भी यह बातें कहती रहूंगी. हम गांधी जी, दीनदयाल जी और पीएम मोदी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते. 
 

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