ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा महाराष्ट्र के नांदेड़ में दिए गए एक बयान पर बवाल हो गया है. जनसभा में ओवैसी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को वोट देने वाले 6 फीसदी मुसलमानों को ‘क्रिकेट का छक्का’ बताया है, जिसपर बीजेपी के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सवाल खड़े किए हैं.
अमित मालवीय ने गुरुवार को ट्वीट किया कि ओवैसी के मुताबिक 6 फीसदी मुसलमान जिन्होंने 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी को वोट दिया वो ‘छक्के’ हैं. क्या वह उन हिंदुओं के बारे में भी यही सोचते हैं जिन्होंने हैदराबाद में उन्हें और औरंगाबाद से AIMIM के सांसद इम्तियाज़ जलील को वोट दिया है?
दरअसल, अमित मालवीय ने इस ट्वीट में नांदेड़ में दिए असदुद्दीन ओवैसी के भाषण का वीडियो भी ट्वीट किया. इस भाषण में ओवैसी भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़े कर रहे हैं और 2014-2019 में बीजेपी को मिले मुस्लिम वोटों का आंकलन कर रहे हैं.
6% Muslims who voted for PM Modi and BJP in 2014 and 2019 are ‘छक्के’ (eunuchs) as per Owaisi. Does he have the same opinion about Hindus who vote for him in Hyderabad and Imtiaz Jaleel (AIMIM MP from Aurangabad)? pic.twitter.com/m84imjNfE3
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 10, 2019
अमित मालवीय द्वारा जारी वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं, ‘...एक रिपोर्ट में कहा कि 2014 में 37 फीसदी हिंदू भाईयों-बहनों ने मोदी को वोट दिया, 2019 में वो 37 से बढ़कर 44 फीसदी हो गया. आप अंदाजा लगाइए, किसके वोट बढ़ रहे हैं. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि 2014-2019 में 6 फीसदी मुसलमानों ने मोदी को वोट दिया.’
ओवैसी ने कहा, ‘...देख लो इस रिपोर्ट में तीन चीजें हैं, 37 फीसदी हिंदू भाईयों-बहनों ने मोदी को वोट दिया, 5 साल में वो 44 फीसदी हो गया. मुसलमानों ने 2014-2019 में 6 फीसदी ही वोट दिया...मैंने कहा कि 6 जो नंबर है उसे क्रिकेट मैच में छक्का बोलते हैं, 6 जो होता है वो छक्का होता है, दिए होंगे हमको क्या...’
हालांकि, अगर इसी भाषण का पूरा वीडियो देखें तो ओवैसी आगे कहते हैं कि ये भी बताना चाहिए कि 6 का 6 क्यों है, 37 का 44 क्यों हो गया, इसका कोई जवाब कांग्रेसी नहीं देगा. बीजेपी को जो भी वोट मिले है, उसमें कांग्रेस का पूरा वोटबैंक बीजेपी को चला गया.
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र में लगातार रैलियां पर रैलियां कर रहे हैं, इस बार उनकी पार्टी महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ रही है. लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रकाश अंबेडकर के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन विधानसभा चुनाव में ये गठबंधन नहीं हो सका.