देश को आजाद हुए 72 वर्ष बीत गए, लेकिन आज भी कई इलाके ऐसे हैं जहां विकास की लौ नहीं पहुंची. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार उपेक्षित रहे इलाकों तक विकास पहुंचाने के दावे कर रही है. वहीं महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक ऐसा इलाका भी है जहां के लोगों ने विकास के मुद्दे पर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है.
चुनाव बहिष्कार के संबंध में रोजाबाग इलाके के लोगों का कहना है कि पिछले 25 वर्षों से इलाके में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि इतने सालों में पार्षद से लेकर विधायक तक, किसी ने कोई विकास कार्य नहीं कराया. इलाके के निवासी यूनुस शाह और भिकन शाह ने कहा कि इन वर्षों में कई पार्षद और विधायक बदले, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
लोगों ने जनप्रतिनिधियों के रवैये पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सभी चुनावों के समय आते हैं. बड़े-बड़े वादे करते हैं और मतदान के बाद सारे वादे भूल जाते हैं. वोट लेने के बाद कोई कार्य नहीं कराते. भिकन ने कहा कि इलाके में सीवर के चैम्बर खुले हैं, नगर निगम के नल से 15 दिन पर एक बार पानी आता है. इनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं.
यूनुस शाह ने कहा कि मेरी उम्र 50 साल हो गई. अब तक केवल एक बार इस इलाके में सड़क बनते देखी है. उन्होंने कहा कि हर तरफ गंदगी फैली है. इसके कारण डेंगू फैल रहा है. डेंगू की चपेट में आने से एक युवक की पिछले दिनों मौत हो गई, लेकिन सफाई व्यवस्था की तरफ किसी का ध्यान नहीं है.
दो हजार से अधिक हैं मतदाता
इस इलाके में वोटरों की संख्या 23 से 24 सौ के बीच है. चुनाव के बहिष्कार के पीछे लोग एक तर्क यह भी दे रहे हैं कि फंड मंजूर होने के बावजूद कार्य नहीं कराया जा रहा. नगर निगम ने एक लाख फंड मंजूर किया, लेकिन इससे कोई कार्य नहीं हो रहा.
विधायक को नहीं मिलता आने का वक्त
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाए, लेकिन वहां से विधायक के पास जाने को कह दिया जाता है. विधायक के पास जाओ तो उनके पास इलाके में आने के लिए समय नहीं. पार्षद के पास जाओ तो अपने को वोट न देने की बात कहकर टाल जाता है. ऐसे में उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता.