महाराष्ट्र विधानसभा चुनावी मैदान में कुछ ऐसे भी हैं, जिनके परिवार तो एक हैं लेकिन विचार अलग-अलग हैं. चुनाव लड़ रहे कई प्रमुख उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके बीच खून का रिश्ता है या वह एक ही परिवार से आते हैं. इनकी किस्मत का फैसला 24 अक्टूबर को होगा.
इस तरह से चुनाव लड़ रहे सबसे हाई प्रोफाइल मुंडे परिवार के सदस्य हैं. इस परिवार के दो सदस्य बीड में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. यह क्षेत्र दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का गढ़ है.
गोपीनाथ मुंडे की बेटी और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे परली सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. पंकजा के सामने उनके चचेरे भाई विधान परिषद में विपक्ष के नेता एमएलसी धनंजय मुंडे हैं. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के उम्मीदवार हैं. 2014 के चुनाव में पंकजा धनंजय को हरा चुकी हैं.
बीड विधानसभा में चाचा-भतीजे की टक्कर
बीड विधानसभा क्षेत्र में चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. इस सीट से जयदत्त क्षीरसागर अपने भतीजे संदीप क्षीरसागर के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं.
वहीं, गेवराई (बीड) में भी एक पंडित परिवार से संबंध रखने वाले चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. इस सीट से एनसीपी ने अमरसिंह पंडित को मैदान में उतारा है, जबकि उनके चाचा बादामराव पंडित निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
निलंगा सीट पर कड़ा मुकाबला
लातूर की निलंगा सीट पर भी एक ही परिवार के सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर पाटील के बेटे अशोक निलंगेकर पाटील मैदान में हैं, जबकि उनके सामने बीजेपी के टिकट पर संभाजीराव चुनाव लड़ रहे हैं. संभाजीराव कांग्रेस प्रत्याशी शिवाजीराव के भतीजे हैं.
इनके अलावा नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में एनसीपी के धर्मराव बाबा अत्रम और उनके भतीजे एवं मंत्री अंबरीशराव अत्रम (बीजेपी) के बीच चुनावी लड़ाई है. पुसद (यवतमाल) में दिवंगत वसंतराव नाईक के पोते इंद्रनील नाईक कांग्रेस की ओर से, जबकि उनके भतीजे निलय नाईक बीजेपी की ओर से चुनाव मैदान में हैं.